प्रत्येक कल्पों में राशि के पाँचवें भाग प्रमाण विमान संख्यात योजन वाले हैं और अपने-अपने संख्यात योजन विस्तार वाले विमानों की राशि से कम अपनी-अपनी राशि प्रमाण असंख्यात योजन विस्तार वाले हैं। जैसे सौधर्म कल्प में संख्यात योजन विस्तार वाले विमान ६४०००० हैं एवं ईशान कल्प में ५६०००० हैं इत्यादि।