मुनिगण
१. १०८ मुनि श्री वीरसागर महाराज (प्रथम पट्टाधीश)
२. १०८ मुनि श्री नेमिसागर महाराज (कुडचीकर)
३. १०८ मुनि श्री नेमिसागर महाराज (पुत्तुरकर)
४. १०८ मुनि श्री कुंथुसागर महाराज (ऐनापुर)
५. १०८ मुनि श्री पायसागर महाराज (गोकाकवाले)
६. १०८ मुनि श्री चंद्रसागर महाराज (नांदगांव)
७. १०८ मुनि श्री सुधर्मसागर महाराज
८. १०८ मुनि श्री आदिसागर महाराज (शेडबाल)
९. १०८ मुनि श्री नमिसागर महाराज
१०. १०८ मुनि श्री अनंतकीर्ति महाराज (उत्तुरकर)
११. १०८ मुनि श्री धर्मसागर महाराज (समाधिस्थल लासुर्णे, दहिगांव)
१२. १०८ मुनि श्री वर्धमानसागर महाराज (ज्येष्ठ बंधु देवगौंडा)
१३. १०८ मुनि श्री आदिसागर महाराज
१४. १०८ मुनि श्री धर्मसागर महाराज (आष्टा) समाधी वाटेगांव
आर्यिका
१. आर्यिका १०५ श्री चन्द्रमती माताजी
२. आर्यिका १०५ श्री विमलमती माताजी
क्षुल्लिका
१. १०५ क्षुल्लिका श्री अजितमती माताजी
२. १०५ क्षुल्लिका श्री शांतमति माताजी
३. १०५ क्षुल्लिका श्री अनंतमती माताजी
४. १०५ क्षुल्लिका श्री शांतमती माताजी
५. १०५ क्षुल्लिका श्री जिनमती माताजी
६. १०५ क्षुल्लिका श्री विद्यामती माताजी
७. १०५ क्षुल्लिका श्री राजुलमती माताजी
८. १०५ क्षुल्लिका श्री पार्श्वमती माताजी
९. १०५ क्षुल्लिका श्री सुमतिमती माताजी
क्षुल्लक
१. क्षुल्लक श्री १०५ समन्तभद्र महाराज
(आगे चलकर वर्धमानसागर महाराज से मुनिदीक्षा ली)
२. क्षुल्लक श्री १०५ मल्लिसागर महाराज
३. क्षुल्लक श्री १०५ सुमतिसागर महाराज (फलटण)
४. क्षुल्लक श्री १०५ विमलसागर महाराज (बेलगांव)
५. क्षुल्लक श्री १०५ सिद्धसागर महाराज (ब्र. भरमाप्पा)
६. क्षुल्लक श्री १०५ अर्हद्दास महाराज
७. क्षुल्लक श्री १०५ अजितकीर्ति महाराज
८. क्षुल्लक श्री १०५ ज्ञानसागर महाराज
ब्रह्मचारी फतेलाल जी इन्होंने सप्तम प्रतिमा ले ली। सरसेठ हुकुमचंद-इंदौर, इन्होंने आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया। ब्र. जिनदास समडोलीकर, दादा घोदे, पारिसा घोदे, डॉ. कंकुबाई शाह-म्हसवड़, गुणमाला झवेरी-मुम्बई इन्होंने आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत ले लिया। उनमें गंगाबाई भुसारी इनका भी निर्देश करना चाहिए।
ईसवी सन् १९५५ में आचार्यश्री की सल्लेखना में बत्तीस लोगों ने प्रतिमा ले ली। उसके पहले भी कुछ लोगों ने प्रतिमा ले ली। उसमें से कुछ लोगों के शुभनाम-