पूर्वनाम : श्री वीरेन्द्र कुमार जी जैन
ग्राम
पिता, माता : स्व. श्री बच्चू लाल जी स्व. प्रेमा बाई जी जैन : टीकमगढ़ (म.प्र.)
जन्म, शिक्षा : ज्येष्ठ सुदि 14 वि.स. 2010/9वीं
परिवार : भाई-5, बहन – 4
‘वैराग्य : गुरु सानिध्य, सदुपदेश, अन्तःप्रेरणा
ब्रह्मचर्य व्रत : 23.09.95 ललितपुर (उ.प्र.)
क्षुल्लक दीक्षा : 23.02.1996 – देवेन्द्रनगर (म.प्र.)
नाम : क्षुल्लक श्री विभद्रसागर जी
दीक्षा गुरु : प. पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, कातन्त्र- रूपमाला, पुरूषार्थसिद्धयुपाय, गोम्मट सार जीवकाण्ड, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, परीक्षामुखसूत्र, मूलाचार, समाधितंत्र, मोक्षशास्त्र, इष्टोपदेश, न्यायदीपिका, सर्वार्थसिद्धि, द्रव्यसंग्रह, धवलाजी आदि : अध्ययन, मनन, चिन्तन : जबलपुर, भिण्ड, भिण्ड, भिण्ड, शिखरजी, जगदलपुर, श्रेयांसगिरि, खनियाधना, जयपुर, निवाई, शिरडशाहपुर, कारी, लिधोरा, छतरपुर, चन्दला, वृजपुर, पन्ना।