-आर्यिका चंदनामती
तर्ज—गहरी-गहरी नदियाँ…..
सनावद में णमोकार धाम तीर्थ प्यारा है।
गूँजे जहाँ णमोकार मंत्र का जयकारा है।।
सिद्धवरकूट सिद्धक्षेत्र निकट धाम है।
कई साधु सन्तों का जनम स्थान है।।
देव शास्त्र गुरु भक्ति का जिन्हें सहारा है।
गूँजे जहाँ णमोकार मंत्र का जयकारा है।।१।।
ज्ञानमती माताजी के शिष्य जो प्रसिद्ध हैं।
गुरुवर मोतीसागर यहाँ के प्रथम आदर्श हैं।।
उनकी प्रेरणा से ये प्रकाश पैâला प्यारा है।
गूँजे जहाँ णमोकार मंत्र का जयकारा है।।२।।
पंचपरमेष्ठियों की मूर्ति जहाँ राजतीं।
णमोकार मंत्र की पंक्तियाँ विराजतीं।।
‘‘चन्दनामती’’ ये तीर्थ पहला ही निराला है।
गूँजे जहाँ णमोकार मंत्र का जयकारा है।।३।।