‘‘कृत्यते छिद्यते अष्टविधं कर्म येनाक्षरकदम्बकेन परिणामेन क्रियया वा तत् कृतिकर्म पापविनाशनोपाय:।’’
जिन अक्षरसमूह से या जिनपरिणामों से या जिनक्रियाओं से आठ प्रकार के कर्म काटे जाते हैं-छेदे जाते हैं, उसका नाम ‘‘कृतिकर्म’’ है अर्थात् पापविनाश का उपाय ही कृतिकर्म है।