तर्ज-माई रे माई…….
ज्ञान तीर्थ के पंचकल्याण का स्वर्णिम अवसर आया।
शिरडी में प्रभु पार्श्वनाथ का अतिशय देखो छाया।।
बोलो पार्श्वनाथ की जय, बोलो ज्ञानतीर्थ की जय-२।।टेक.।।
महाराष्ट्र में शिरडी नामक दर्शनीय स्थल है।
पार्श्वनाथ की प्रतिमा से बन गया तीर्थ स्थल है।।
उसी तीर्थ के दर्शन करने का शुभ अवसर आया।
शिरडी में प्रभु पार्श्वनाथ का अतिशय देखो छाया।।
बोलो पार्श्वनाथ की जय, बोलो ज्ञानतीर्थ की जय-२।।१।।
सुन्दर कमल जिनालय में श्री पार्श्वनाथ राजेंगे।
इनकी भक्ती से केतू ग्रह के अरिष्ट भागेंगे।।
कालसर्प का योग विनाशन करती प्रभु पद छाया।
शिरडी में प्रभु पार्श्वनाथ का अतिशय देखो छाया।।
बोलो पार्श्वनाथ की जय, बोलो ज्ञानतीर्थ की जय-२।।२।।
गणिनी ज्ञानमती माता की मिली प्रेरणा प्यारी।
पार्श्वनाथ को करा विराजित सुखी रहें नर नारी।।
तभी चंदनामती देश ने यह उपहार है पाया।
शिरडी में प्रभु पार्श्वनाथ अतिशय देखो छाया।।
बोलो पार्श्वनाथ की जय, बोलो ज्ञानतीर्थ की जय-२।।३।।