गुहेरी – आंख की पलक पर फुंसी हो जाती है इसे गुहेरी कहते हैं। फुंसी उठते ही पिसी हल्दी घी में मिलाकर सोते समय इसे सिर्फ फुंसी पर अनामिका अंगुली से लगाकर सो जायें सुबह फुंसी गायब।
रतौंधी — गाय का ताजा गोबर, सूर्योदय होते समय या इससे पहले, मोटे कपड़े पर रखकर पानी का छींटा मारें और कपड़ा लपेटकर दबाएं तो गोबर का रस निकलेगा इसे एक कटोरी में ले लें। ड्रापर से रस की २—२ बूंद आँखों में सूर्योदय के समय टपकायें, इस उपाय से रतौंधी दूर हो जाती है।
आँखों की रोशनी — चेचक की बीमारी से यदि आँखों की रोशनी कम हो गयी हो तो शक्कर काे पानी में घोलकर छानकर चार चार बूंद दिन में चार बार कम से कम १—२ साल डालते रहने से पुन: रोशनी आ जाती है। गुलाबजल का फोहा आँखों पर एक घंटा बाँधने या रखने से गर्मी से होने वाले नेत्र रोगों में आराम मिलता है।
आँखों से पानी गिरना, आँख आना, आँखों की दुर्बलता, आँखों की थकान आदि में रात को आठ बादाम की गिरी भिगोकर प्रात: पीसकर पानी मिलाकर पी जाएं। उपर से दूध पीयें। सब चक्षुरोग ठीक हो जाएँगे। बादाम की आकृति आँख जैसी होती है यह आँखों के लिए शक्तिप्रद है। आँखों में चोट लगी हो जल गई हों, मिर्च मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो या डंक मारा हो, आँख लाल हो, दुखती हो, कीचड़ आती हो, प्रकाश सहन न होता हो तो रुई का फोहा गर्म दूध से भिगोकर ठंडा करके आँखों पर रखने से लाभ होता है। रात भर फुआ बाँधे रखें तो ज्यादा लाभदायक है। दो बूँद दूध की आँख में भी डालें। सूखे नारियल की गिरी और शक्कर ७० ग्राम प्रतिदिन एक सप्ताह खाने से आँखों के सामान्य रोगों में लाभ होता है। घी, बूरा या शक्कर, कालीमिर्च से रोटी खायें। एक चम्मच पानी में एक बूँद नींबू का रस डालकर दो—दो बूँद आँखों में डालें। इससे आँखें स्वस्थ रहेंगी और सामान्य रोग दूर रहेंगे। आँखों के आगे अँधेरा आता हो तो आँवले का रस पानी में मिलाकर सुबह—शाम चार दिन पीने से लाभ होता है। पैरों के तलुवों में सरसों के तेल की मालिश करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। प्रात: नंगे पाँव हरी घास पर तीन माह गर्मी में चलने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। एक ग्राम फिटकरी, चालीस ग्राम गुलाबजल में मिलाकर शीशी भर लें। इसकी दो—दो बूँद आँखों में कई बार डालें। आँखों का दर्द, जलन, कीचड़ आना बंद हो जाएगा। रात को सोते समय आँखों में डालने से तरावट रहेगी इसे रोज डाल सकते हैं। आँखे दुखने पर लाल मिर्च पीसकर पानी मिलाकर लुगदी बना लें। जिस ओर की आँख दुख रही हो उस पैर के अँगूठे के नाखून पर मिर्च का लेप करें। यदि दोनों आँखें दुख रही हों तो दोनों अंगूठों पर बाँध सकते हैं। लाभ होगा।
काजल नहीं लगाएं। उपवास रखें। उपवास में पानी पीयें। भोजन के बाद बेल का शर्बत पियें। ६० ग्राम मुनक्का रात को एक कप पानी में भिगो दें, प्रात: मुनक्का पानी पी जाएं। नेत्रों में पानी आना ठीक हो जाएगा। आँख में तिनका या अन्य चीज गिर जावे तो आँख में दूध की तीन बूँद डालें। दूध की चिकनाहट से वह आँख से निकल जाएगी। आँख में मिट्टी, कंकरी गिर जाए, धुआँ, तीव्र गंध से दर्द हो तो पानी से धोकर आँख साफ करके एरण्ड के तेल की एक बूँद आँख में डालने से लाभ होता है। तेल डालने के बाद हर २५ मिनट में सेंक करें।
नेत्रों की पुतली पर उत्पन्न सफेदी को जाला कहते हैं। रुई की बाती प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। इसे तिल के तेल में जलाकर काजल बनाकर लगाने से जाला दूर हो जाता है। प्याज का रस गुलाबजल में मिलाकर आँखों में डालने से जाला दूर हो जाता है। मोतियाबिन्द — पिसा हुआ धनिया एक चम्मच, एक कप पानी में उबालें फिर छानकर ठंडा होने पर आँखों में डालें, अवश्य लाभ होगा।
गुलाबजल में फिटकरी का थोड़ा फूला डालकर उसे कई बार आँखों में बूंद—बूंद डालें। मिश्री की एकतार की चाशनी बनाकर नींबू का रस डालकर कांच की शीशी में भरकर रोज सुबह शाम लगाने से आँखों के सारे रोग ठीक हो जाते हैं। काला सुरमा को प्याज के रस में घोंट लें, सूखने पर आँखों में लगाने से धुलल का जाला नष्ट हो जाता है। पुनर्नवा की जड़ को सुखाकर पीस लें फिर उसमें घी मिलाकर गोलियाँ बना लें। उसे रोज पानी में घिसकर आँखों में लगायें। एक कप में दो हल्दी की गाठों को नींबू के रस में डुबोकर रख दो रस खत्म होने पर और डालते जाओ जिससे हल्दी डूबी रहे। १ माह भीगी रहने के बाद उसे सुखाकर पीसकर शीशी में भरकर रख लें और रोज सुबह शाम सलाई से सुरमे की तरह लगायें। आँखों के नम्बर कम हो जायेंगे। चश्मा उतर जायेगा और आँखों के सारे रोग मिट जायेंगे। गुलाबजल में १ मटर के दाने के बराबर फिटकरी डाल दें। फिटकरी को पहले पानी से घोलें। इस घोल की २—२ बूंद रोज सुबह—शाम आँखों में डालें। इससे आँखे स्वच्छ, शीतल एवं लालिमारहित हो जायेगी। एक पात्र में पानी भरकर उसमें एक फिटकरी का टुकड़ा डालकर गरम करें उबालकर उतार लें। अब इसमें सूती सफेद रंग की पट्टी भिगोकर पलकों पर बार—बार लगायें और इसी पट्टी से आँखों में पानी डालें, कम से कम १५ दिन तक डालें इससे जाला चला जायेगा। सुबह शाम करें” स्वयं का बासी थूक आँखों के सभी रोग ठीक करता है। कागज की तरह लगायें। सूर्य उदय से पहले हरी घास पर नंगे पैर चलें। बड़े नींबू में छेद करके उसमें हल्दी की दो गांठ डालकर रख दें। १५ दिन बाद गांठ निकाल लो। अब इन्हें रोज पानी में चंदन की तरह घिसकर आँखों पर सुबह शाम लगायें, मोतियाबिंद एवं जाले में १ सप्ताह में ही आराम होगा, दिखाई देने लगेगा।