-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती
तर्ज-महाकुंभ का पर्व महान……..
जिनमंदिर का निर्माण, करो सब मिलके करो।
करो सब मिलके करो, करो सब मिलके करो…,
इससे मिलता है पुण्य महान, करो सब मिल के करो।।टेक.।।
मंदिर में राजें जिनवर प्रतिमा, तीर्थंकर चौबीसों की महिमा।
चौबीसों प्रभू का गुणगान, करो सब मिलके करो।।जिन.।।१।।
मंदिर में बजते हैं घंटे झालर, जिनवर पे ढुरते हैं चौंसठ चामर।
प्रभु आरती का पुण्य महान, करो सब मिलके करो।।जिन.।।२।।
मंदिर व प्रतिमा निर्माण जैसा, दूजा न कोई है पुण्य वैसा।
धन बढ़ता है करने से दान, करो सब मिलके करो।।जिन.।।३।।
मंदिर में सोने की ईंट लगाओ, सोना ही सोना जीवन में पाओ।
अपनी आत्मा को स्वर्ण समान, करो सब मिलके करो।।जिन.।।४।।
मंदिर के दर्शन की कर लो प्रतिज्ञा, ‘‘चन्दनामती’’ आज लेना ये शिक्षा।
सम्यग्दर्शन से आत्मा महान, करो सब मिलके करो।।जिन.।।५।।