तर्ज—जिन्दगी एक सफर है……
ओ मदर! मुझे दे दो कुछ नॉलेज,
मेरा जीवन बन जाए एक कॉलेज।
सुन माँ, सुन माँ, सुन माँ सुन……।। टेक.।।
तुमने छोड़ दिये, अपने पैरेन्ट्स,
तभी बन पाईं तुम, आज यूनिक सेन्ट।
ज्ञानमती माँ हैं, डिग्री कॉलेज,
ओ मदर! मुझे दे दो कुछ नॉलेज।
सुन माँ……।।१।।
जग में महकते हैं, आज कितने सेन्ट,
लेकिन माँ तेरी, ज्ञान गन्ध परमानेन्ट।
तेरा जीवन है, एक चैलेन्ज,
ओ मदर! मुझे दे दो, कुछ नॉलेज,
सुन माँ……।।२।।
तुमने लिखा है, कितना लिट्रेचर,
जिसे पढ़ बन रहे हैं, कितने लेक्चरर।
तुम हो सचमुच, मूवी रिसर्च कॉलेज,
ओ मदर! मुझे दे दो कुछ नॉलेज।
सुन माँ……।।३।।
ज्ञानमती माताजी का ज्ञान गार्डेन।
फूल फल रहा है मानो, रीयल हैवेन।।
यह है ‘चन्दनामती’ ओपेन कॉलेज,
ओ मदर! मुझे दे दो कुछ नॉलेज।
सुन माँ……।।४।।