श्रीपुष्पदंततीर्थेश:, भव्यपंकजभास्कर:।
श्रीपुष्पदंततीर्थेशं, भक्त्या नमन्ति खेचरा:।।१।।
श्रीपुष्पदंतनाथेन, धर्मतीर्थं प्रवर्तितं।
श्रीपुष्पदंतनाथाय, नम: कुर्वन्ति साधव:।।२।।
श्रीपुष्पदंततीर्थेशात्, क्षेमं सर्वत्र जायते।
श्रीपुष्पदंतनाथस्य, विश्वस्मिन् वैरिणो न हि।।३।।
श्री पुष्पदंततीर्थेशे, मतिं धृत्वा सुखी भव।
श्री पुष्पदंततीर्थेश! त्वं मां रक्ष जगद्गुरो!।।४।।