श्रीमाननंतनाथस्त्वं, अंतकांतकविश्रुत:।
श्रीमदनंतनाथं त्वां, नमन्ति नृसुरासुरा:।।१।।
श्रीमतानंतनाथेना-नंतजीवदया कृता।
श्रीमतेऽनंतनाथाय, मम नमोऽस्त्वनंतश:।।२।।
श्रीमतोऽनंतनाथात् हि, तीर्थमनंतसौख्यकृत्।
श्रीमतोऽनंतनाथस्य, भक्तिर्भवान्तकारिणी।।३।।
श्रीमदनंतनाथे हि, नतिं भक्तिं सदा दधे।
श्रीमन्ननंतनाथ! त्वं, देह्यनन्तचतुष्टयम्।।४।।