श्री ऋषभदेव कीर्तिस्तंभ सुंदर, जिनवर कीर्ति बढ़ाता।
शाश्वत जैनधर्म सुखदायी, यह संदेश सुनाता।।
ऋषभदेव महावीर प्रभू को, नमूँ नमूँ भक्ती से।
परमातमपद प्राप्ति हेतु मैं, गुण गाऊँ अति रुचि से।।१।।
-दोहा-
अग्रवाल जिनमंदिर के, प्रांगण में अतिशायि।
कीर्तिस्तंभ जिनबिम्ब को, नमूँ सर्व सुखदायि।।२।।