उपचार — पके हुए पपीते का गूदा २०० ग्राम, काला नमक, पिसा जीरा और हींग के साथ सेवन करने से अजीर्ण ठीक होता हैं।
अपच बदहजमी
उपचार — कच्चे पपीते की खीर बनाकर आठ—दस दिन तक सेवन करें।
अम्ल — पित्त
उपचार — दो चम्मच जामुन का रस, दो चम्मच पालक के पत्तों का रस आधा गिलास पपीते के रस में मिलाकर सुबह शाम पियें।
कब्ज
उपचार — खरबूजे के टुकड़े तथा पपीते के टुकड़े (दोनों की मात्रा ३०० ग्राम) सेंधा नमक तथा बारीक पिसी काली मिर्च के साथ दिन में दो बार लगभग २० दिन तक खिलायें। कब्ज का रोग जड़ से खत्म हो जायेगा।
पेट में कृमि या कीड़े
उपचार — १. कच्चे पपीते को छीलकर उसका रस निकाल लें। चार चम्मच रस सुबह और छ: चम्मच शाम को पिलायें यह रस बच्चों के जिगर को भी ठीक करता है।
२.२५० ग्राम पपीते के गूदे में आधा चम्मच बायबिडिंग मिलाकर सुबह शाम खाने से पेट के कीड़े सदा के लिए निकल जाते हैं।
मंदाग्नि उपचार
१. पपीते का हलुवा मंदाग्नि की बेजोड़ दवा है।
२.दो चम्मच कच्चे पपीते के रस में आधा चम्मच हरे पुदीना का रस मिलाकर सेवन करें।
संग्रहणी उपचारक
पपीते के पके फल का गूदा २०० ग्राम, जीरा एक चम्मच, सोंठ पिसी आधा चम्मच, सौंफ आधा चम्मच , काला नमक एक चुटकी सबको मिलाकर दो खुराक करें। सुबह शाम भोजन के बाद सेवन करें। नोट — संग्रहणी की अजमाई हुई दवा है।
पेट दर्द उपचार
१. एक चम्मच कच्चे पपीते का दूध पीने से पेट दर्द तुरन्त रूक जाता है।
२.हैजा की शिकायत होने पर पपीते के रस में नींबू निचोड़कर बार—बार पिलायें।