शोध और अध्ययनों के अनुसार मच्छर भगाने के लिये जलाई जाने वाली एक कोइल से उतना ही धुआं निकलता है जितना १३७ सिगरेट जलाने से। इसका तात्पर्य यह है कि मच्छर भगाने के प्रयास में इंसान अपने फैफड़ों को धुएं से भर सकता है। आप स्वत: निश्चित करें कि आप अपने घर में कितने सुरक्षित हैं ? आपको ज्ञात हो दिल्ली के रोहिणी में एक सरकारी स्कूल के करीब २५ बच्चों को उल्टी, आँखों में जलन, पेट—दर्द और चक्कर आने की शिकायत के बाद अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जांच में सामने आया कि मच्छर मारने की दवाई (छिड़कने के बाद स्कूल के वातावरण में फैली दवाई की बू (गंध) ने इन बच्चों की हालत खराब की। इन में से कुछ बच्चों की हालत तो काफी गंभीर हो गई थी। जोधपुर की डॉ. समपूर्णानंद मेडिकल कालेज में पीडीएट्रिक मोडिसिन विभाग में प्राफैसर एवं कंसलटेंट पीडीएट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मनीष पारख बताते हैं कि बच्चों के लिए मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल में ली जाने वाली जैसी चीजें काफी खतरनाक हैं। छोटे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उन्हें इन चीजों से ज्यादा नुकसान होता है। कुछ शोध में यह भी सामने आया है कि मच्छर मारने वाली कोइल के इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। दरअसल, सुविधापूर्ण जीवन की जरूरत बनने जा रहे घरेलू उत्पाद हमारे घर को दिखने के में साफ तो बना रहे हैं, लेकिन सेहत के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि इनसे होने वाले नुकसान को लेकर ज्यादातर उपभोक्ता अनजान हैं। विलासिता परस्त लोग ऐसी वस्तुओं को अपनी जिन्दगी में पनाह दे रहे हैं। आपको यह भी ज्ञात हो……. डिश वॉशर डिटर्जेंट यानी बर्तन धोने वाले सर्पक में फॉस्फोरस मिला होता है। इससे त्वचा में जलन और खुजली महसूस हो सकती है। कार्पेट क्लीनर में डाइक्लीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला परक्लोरिथाइलिन होता है। इससे लीवर, किडनी और नर्वस सिस्टम को खतरा है।
अपनाने योग्य सुझाव
टॉयलेट को शुद्ध सिरके से साफ किया जा सकता है। टाइल्स साफ करने के लिए वािंशग सोड़ा या बोराक्स का उपयोग सुरक्षित है। घर की हवा शुद्ध रखने के लिए खिड़कियों और दरवाजों को खुला रख सकते हैं। कुछ प्राकृतिक तेल और फूलों से भी घर को महकाया जा सकता है। कार्पेट पर लगे प्रूट ज्यूस या वाइन के दाग को नमक से साफ किया जा सकता है। हल्के दाग हटाने में सोड़ा इस्तेमाल करें।
पौधें लगाये मच्छर भगायें
मच्छरों को दूर करने के लिए घर में तुलसी, गेंदा, रोजमेरी और लौंग के पौधे लगाने चाहिए। इनकी गंध मच्छरों को नहीं सुहाती। जानकारों के मुताबिक विडालपर्णास के पौधे में तो मच्छरों को भगाने वाले कोईल और स्प्रे से कहीं ज्यादा केमिकल होता है, लेकिन यह मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नहीं है।
इनका उपयोग भी है खतरनाक
टॉयलेट क्लीनर—बाथरूम, टॉयलेट, बाथ टब या टाइल्स को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाले क्लीनर्स में हाईड्रोक्लोरिक और सल्फर एसिड के साथ कॉस्मेटिक केमिकल व मोनाइथानोलामाइन का उपयोग किया जाता है। ये रसायन अस्थमा को बढ़ावा देने वाले हैं। इसके अलावा इनसे लीवर को भी खतरा हो सकता है। बग स्प्रे— कीड़े—मकोड़ों को भगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाल ज्यादातर बग—स्प्रे में हानिकारक ‘डीट’ होता है। इनमें रासायनिक गैसें भी होती है। लम्बे समय तक इनके सम्पर्वक में रहने से श्वास लेने में परेशानी, बेहोशी या उल्टी सहित कुछ जानलेवा समस्याएं हो सकती है। हानिकारक रसायनों के कारण ही गर्भवती महिलाओं को इसकी गंध से दूर रहने की सलाह दी जाती है।