शरीर के अंगों या खासकर चेहरे पर दाग या धब्बों का होना सौंदर्य से संबंधित एक समस्या है। विशेष तौर पर विवाह योग्य आयु वाले युवकों और युवतियों के लिए। ऐसे दाग या निशान सड़क दुर्घटनाओं में लगी चोट की वजह से, जलने की वजह से या फिर मुंहासों की वजह से हो सकते हैं। इनसे निजात पाने के लिए लोग अनेक प्रकार की क्रीम्स आदि का इस्तेमाल करते हैं, पर वांछित सुधार नजर नहीं आता। दाग व धब्बे किसी भी कारण से हो सकते हैं, लेकिन अब इन्हें हटाने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से इनमें ऐसे सुधार किए जाते हैं कि ये करीब-करीब अदृश्य हो जाते हैं।
इलाज की विविध विधियां
दाग धब्बों को हटाने के लिए इस समय जो चिकित्सकीय विधियां उपलब्ध हैं, उनमें स्कार रिवीजन सर्जरी, फैट इंजेक्शन सर्जरी और लेजर ट्रीटमेंट को खास तौर पर शुमार किया जाता है।
स्कार रिवीजन सर्जरी
चोट की वजह से होने वाले ज्यादातर धब्बों को परंपरागत स्कार रिवीजन सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है। चेहरे के धब्बों के लिए यह सर्जरी लोकल एनेस्थीसिया की सहायता से यानी बेहोश किए बगैर की जा सकती है। इस विधि से धब्बे को सर्जरी की सहायता से हटा दिया जाता है और इसका स्थान बेहतर सर्जिकल स्कार ले लेता है।
फैट इंजेक्शन सर्जरी
सबसे आधुनिक फैट इंजेक्शन सर्जरी है। यह चोट के दाग-धब्बों के साथ-साथ जलने के कारण बने दागों व निशानों और मुंहासे के कारण बने दाग-धब्बों को मिटाने के लिए अत्यंत उपयोगी है। फैट इंजेक्शन सर्जरी के अंतर्गत रोगी की वसा कोशिकाओं को ही इंजेक्शन के जरिए इस्तेमाल किया जाता है। दाग व निशानों की इस समस्या का समाधान करने में यह तकनीक बेहद सफल साबित हो रही है। यह सिकुड़ चुके धब्बे को ठीक करने के लिए बेहद उपयोगी है। फैट ग्राफ्टिंग की यह प्रक्रिया रोगी के शरीर से लाइपोसक्शन विधि के माध्यम से वसा प्राप्त करने के साथ शुरू होती है। यह वसा पेट या कूल्हे के पास से ली जाती है। इसकी प्रोसेसिंग करने के बाद सर्जन इसे दोबारा धब्बे वाली त्वचा के नीचे इंजेक्ट कर देता है। स्टेम सेल्स थेरेपी के प्रचलन में आने के बाद अत्याधुनिक ‘रीजनरेटिव मेडिसिन’ के क्षेत्र में हो रहे शोध-अनुसंधानों में काफी प्रगति हुई है। ये स्टेम सेल्स फैट में भी मौजूद रहते हैं और इन्हींको विकारग्रस्त स्थान में इंजेक्ट करने के कारण दाग-धब्बों या निशानों में सुधार होने लगता है। फैट में मौजूद स्टेम सेल्स का इंजेक्शन देने के बाद दाग-धब्बों में और अधिक सुधार के लिए नई किस्म की आंशिक लेजर (फ्रैक्शनल लेजर)विधि का दो या तीन बार इस्तेमाल किया जाता है।