चैत्यवृक्षस्तु वीरस्य द्वात्रिंशद्धनुरुच्छ्र्रितः।
देहोत्सेधाच्च शेषाणां स द्वादशगुणो मतः।।२०६।।
भगवान महावीर का चैत्यवृक्ष बत्तीस धनुष उँचा होगा और शेष तीर्थंकरों के चैत्यवृक्षों की ऊँचाई उनके शरीर की ऊँचाई से बारहगुनी मानी गयाी है ।।२०६।।(हरिवंशपुराण पृ. ७२१)