आज अधिकतर बच्चे मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं। इसके मुख्य कारण हैं बढ़ती प्रतियोगिता, टी.वी. कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि । बच्चों पर पढ़ाई का बोझ भी बढ़ाया जा रहा है जिस कारण वे खाना खाते ही होमवर्क पूरा करने बैठ जाते हैं या टी.वी. देखते हुए खाना खाते हैं। इंटरनेट व कम्प्यूटर गेम्स ने बच्चों को शारीरिक खेलों से विमुख कर दिया है। कबड्डी, बालीबाल, बैडमिंटन जैसे खेल तो बीते जमाने की बात हो कर रह गए हैं। बच्चों को मोटापा न आए, इसके लिए अभिभावकों को कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। यह ध्यान रखें कि बच्चा दिन भर में क्या खा रहा है। कई माताएं सोचती हैं कि अधिक खाने से बच्चे की सेहत बनेगी, इसी वजह से वे उन्हें उच्च कैलोरीयुक्त व वसायुक्त भोजन देती हैं जिससे बच्चे की चर्बी बढ़ती है। बच्चे को हमेशा कम भोजन दें। यह भी ध्यान रखें कि भोजन की प्लेट छोटी हो। जहां तक संभव हो, बच्चे को भोजन एक बार में न देकर थोड़ी—थोड़ी देर बाद दें।मक्खन,घी, क्रीम आदि पदार्थ बहुत कम मात्रा में दें। तली चीजों का सेवन कम से कम करने दें। सुबह का नाश्ता अति आवश्यक है नाश्ते में आप आटे की ब्रेड, अंकुरित अनाज, दलिया,ताजे फल, दही आदि दे सकती हैं। चिप्स, स्नैक्स, बर्गर आदि कदापि न दें, यदि दें तो भी कभी—कभी। छुट्टी के दिन आप ऐसी चीजें घर पर बना कर दे सकती हैं मगर यह ध्यान रखें कि बच्चा इन्हें अधिक मात्रा में न खाए। दोपहर के भोजन में गेहूूं के आटे की रोटी, दाल, विभिन्न हरी सब्जियां ,ताजे फल, दही आदि दें। बच्चे को विभिन्न प्रकार के सलाद तैयार करके दें। सलाद की सजावट इस ढंग से करें कि बच्चा उसे खाने को उत्सासहित हो। शाम को खाने में गरिष्ठ वस्तुएं जैसे मिठाई, तैलीय पदार्थ आदि देने से परहेज करें। मिठाई आदि वस्तुएं मोटापे के साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हैं अत: बच्चे को इनकी आदत न डालें। विशेष अवसरों पर या कभी—कभी मिठाई का सेवन उचित है। बच्चे की टी.वी. देखने की आदत को कम कराने का प्रयास करें। आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चे की टी.वी.देखते देखते चिप्स, नमकीन, बिस्कुट आदि कुछ न कुछ खाते रहते हैं। यह मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण है इसलिए जब बच्चा टी.वी. देख रहा हो तो उसे खाने के लिए न दें। उसे शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय करने हेतु पार्क में घुमाने ले जाएं। छोटे—छोटे खेल उसके साथ खेलें। जहां तक हो सके, उसे खेलों के प्रति प्रेरित करते रहें।