हंसना स्वास्थ्यवर्धक होता है और दिल से हँसने वाला शख्स अन्य की अपेक्षा कहीं बेहतर, हल्का और खुश महसूस करता है सरीखा विचार धीरे—धीरे चिकित्सकीय मान्यता प्राप्त करता जा रहा है। यह अलग बात है कि भागदौड़ और प्रतिस्पर्धा से भरे वास्तविक जीवन से हम जितना हँसते है उससे बहुत सारे चिकित्सकीय लाभ मिलने की आशा करनी बेमानी है। विशेषज्ञों के मुताबिक प्रतिदिन दस से पन्द्रह मिनट तक हँसना चाहिए। मुम्बई के लाफ्टर क्लब के संस्थापक डाँ. मदन कटारा के मुताबिक, ‘‘ आप बाहृ दुनिया को तो कतई नहीं बदल सकते हैं, लेकिन हम अपने नजरिए को तो बदल ही सकते हैं। हँसना एक ऐसी क्रिया है, जो हमें भूतकाल और भविष्य के बँधन से परे ले जाता है, जो आपको सम्पूर्णता के साथ वर्तमान में जीने की कला सिखाता है।’’ यही वजह है कि तमाम लोग हँसने—हँसाने को यौगिक क्रिया मानते हैं और ऑक्सीसन स्तर बरकरार रखने, माँसपेशियों को आराम देने और रक्त संचार को दुरुस्त रखने के लिए १५ से २० मिनट तक हँसने को जरूरी मानते हैं।
काम करे तनाव
हँसने के दौरान हम विचार प्रक्रिया की तरफ से चेतनाशून्य होते हैं। साथ ही हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ शान्ति, सौहाद्र्र और आराम देने के लिए आपस में क्रियाएँ कर रही होती। हास्य क्रिया के दौरान हमारे शरीर में तनाव का उत्सर्जन करने वाले हार्मोन एपिनेप्रइन और कॉर्टिसॉल में भी कमी आती है। साथ ही हॅसने से माँसपेशियों में जो खिंचाव होता है, उससे रक्त वाहनियाँ चौड़ी और रक्त संचार दुरुस्त होता है।
प्रतिरोधक क्षमता को दे मजबूती
संक्रमण और एलर्जी को दूर रखने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए। सायकोन्यूरो— इम्यूनोलॉजिस्ट के मुताबिक चिन्ता, नैराश्य या क्रोध शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता जाता है। ऐसे में लाफ्टर थेरेपी नांक और श्वाँस नली की एंटी बॉडी इम्यूनोग्लोबुलिन ए में वृद्धि करता है। माना जाता है कि इनमें विषाणुओं, जीवाणुओं और अन्य माइक्रोऑर्गेजिन्म से लड़ने की क्षमता होती है और हँसने से इन्हें बल मिलता है।
नैराश्य और चिन्ता पर विजय
आधुनिक जीवन शैली से जुड़ा दबाव और तनाव वास्तव में चिन्ता, नर्वस ब्रेकडाउन और अनिद्रा का कारण बनता है। इसे समझते हुए नींद के लिए ट्रैक्वेलाइजर्स और एंटी डिप्रेसेंट गोलियों पर आश्रित रहने वाले लोगों के लिए तो हँसना और भी लाभदायक रहता है। दिल्ली लाफ्टर क्लब में मिलने वाली हँसी की गोलियों से मैं घर पर ही अकेले हँसने लगा और यकीन मानिए अब मैं बगैर नींद की गोली खाए भरपूर नींद सोता हूँ ।
उक्त रक्तचाप से आराम
वंशानुगत के अलावा मोटापे, धूम्रपान और अत्यधिक वसा युक्त भोजन ग्रहण करने से हृदय सम्बन्धी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा हृदय रोगों के लिए तनाव और उच्च रक्तचाप भी जिम्मेदार होता है। ऐसे में हँसने से रक्तचाप को नियन्त्रण रखने में मदद मिलती है, क्योंकि हँसने की प्रक्रिया रक्तसंचार और हृदय की माँसपेशियों को शुद्ध ऑक्सीजन पहुँचाने में भी मदद करता है।
प्राकृतिक दर्दनिरोधक
हँसी हमारे शरीर में इन्डॉर्पिन के स्तर में बढ़ोत्तरी करती है, जिन्हें प्राकृतिक दर्द निवारक माना जाता है । आर्थराइटिस, स्पांडेलाइटिस और माँसपेशियों के खिचांव से त्रस्त लोग जब हँसते हैं तो इन्डॉर्पिन का उत्सर्जन होता है, जिससे दर्द में कमी आती है। ब्रोकाइटिस से पीड़ित लोगों के लिए हँसने से बेहतर व्यायाम और कोई नहीं है। यह फैफड़ों की मदद कर उसकी क्षमता में वृद्धि ला रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है। हालाँकि यदि आप लम्बे समय से ब्रौंको स्पास्म से पीड़ित हैं तो बेहतर रहेगा कि लाफ्टर क्लब का सदस्य बनने से पूर्व चिकित्सक से सम्पर्क कर लें।
कैसर रोगियों की मददगार
सकारात्मक मानसिक नजरिया वाला कैसर रोगी शख्श शरीर की प्रतिरोधक क्षमता सदैव जैव राशायनिक बदलाव लाने में सक्षम होता है। इस लिहाज से कैंसर रोगियों के लिए लाफ्टर योग अधिक श्रेयस्कर है। हास्य डिमेंशिया और अल्जाइमर्स बीमारी से पीड़ित वृद्ध लोगों के लिए भी मददगार है, क्योंकि मनोविनोद को समझने वाला मस्तिष्क का भाग ऐसी अवस्था में भी हँसी को समझ उसके प्रति रिस्पांड कर सकता है।
बढ़िया एरोबिक व्यायाम
हँसी की तुलना किसी भी ऐरोबिक व्यायाम से की जा सकती है, जिसमें आपको बस आकर्षक पहनावे और जूते पहनने की कोई आवश्यकता नहीं होती। आपको दौड़ते हुए पसीना बहाने की भी जरूरत नहीं रहती। दूसरे शब्दों में कहें तो हँसी से हृदय संकुचन और रक्त संचार में गति आती है, जो कि ऐरोबिक व्यायाम से भी आती है। बीमारी से बिस्तर पर पड़ चुके लोगों के लिए हँसी एक बेहतर व्यायाम है।
आन्तरिक अंगों का व्यायाम
माँसपेशियों के लिए यूँ तो तमाम व्यायाम उपलब्ध हैं किंतु हँसी समस्त आन्तरिक अंगों के लिए एक बेहतर मसाज साबित होती है। रक्त संचार में सुधार के साथ ही हँसी पेट के अन्दर के विभिन्न हिस्सों को भी अच्छी मालिश देती है। हँसने की प्रक्रिया के दौरान सबसे बढ़िया मालिश आँतो की होती है।
यौवन में निखार लाए
हँसी से चेहरे की माँसपेशियाँ मजबूत होती हैं। हँसने के दौरान आँखों में खिचाव से आँसू की ग्रन्थियों में संकुचन होता है और उनमें नमी आती है। यह नमी आँखों मे चमक देने का काम करती है। इसकी पुष्टि कानपुर के वरिष्ठ नागरिक ५८ वर्षीय जगदीश जैन भी करते हैं। उनके मुताबिक, ‘‘उम्र के इस दौर में भी मैं कहीं अधिक ऊर्जावान, खुशहाल और तनावरहित महसूस करता हूँ। गौरतलब है आप जब हँसते हैं तोे पूरा चेहरा लाल हो जाता है। ऐसा रक्त प्रवाह में आई गतिशीलता से होता है। इससे चेहरे की त्वचा को शुद्ध रक्त प्राप्त होता है और उसमें चमक आती है। हँसने के दौरान आँखों में खिचाव से आँसू की ग्रन्थियों में संकुचन होता है और उनमें नमी आती है। यह नमी आँखों में चमक देने का काम करती है।
आत्मविश्वास में वृद्धि
आप सब लोग जब सार्वजनिक स्थान पर आसमान की ओर हाथ उठाकर हँसतें हैं तो इससे झिझक कम होती है। धीरे—धीरे समय के साथ आप पहलेद की तुलना में कहीं अधिक सामाजिक, खुले और ग्राह्म पाते हैं। कारण, हँसने से शर्म, झिझक और भय दूर होते हैं और हम आत्मविश्वास से परिपूर्ण पाते हैं। यानी हँसी एक ऐसा जादू है जो भरपूर नींद देता है , शरीर को स्वस्थ रखता है और वह भी किसी ाqबना दुष्परिणाम के।