दिल आपके जीवन की रक्षा करता है आपको अपने दिल की रक्षा करनी है जब हृदय स्वस्थ रहेगा तभी आपके शरीर के अन्य अंग भी सुुचारू रूप से काम कर सकेगे हृदयगति रुकने से शरीर मर जाता है। कैसे बचें हृदय रोग से ?
उपाय—
१.आधा घंटा सुबह शाम टहलें। खुली हवा में टहलने का स्थान साफ स्वच्छ व प्रदूषण रहित प्राकृतिक वातावरण का हो।
२.सुबह शाम शौचालय से निवृत हो खाली पेट कम से कम आधा घंटा प्राणायाम करें इससे हृदय ही नहीं अन्य अंग भी स्वस्थ व सक्रिय बने रहेंगे।
३. सप्ताह में एक दिन उपवास एक दिन रसाहार, तथा एक दिन फलाहार अथवा माह में दो दिन उपवास रखें इससे पाचन तंत्र ठीक रहेगा। अतिरिक्त वसा घटेगी तथा वजन नियंत्रित रहेगा।
४.शरीर स्वस्थ व सक्रिय रहेगा और हृदय भी स्वस्थ रहेगा।
५.पेट हमेशा साफ रहना चाहिए तथा पेट में गैस नहीं बननी चाहिए उचित खान पान से पाचन व्यवस्थित रखें। प्रतिदिन १०—१२ गलास पानी १—१ गलास करके कई बार पीने की आदत डालें। भोजन के तुरंत पहले या तुरंत बाद में पानी नहीं पीना चाहिए।
६. उठने के बाद शौच जाने से पहले कुल्ला करके पानी अवश्य पीयें उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिला सके तो परिणाम उत्तम होगा।
७.मानव शरीर में ९२ प्रतिशत पानी होता है यह रक्त के पीएच को नियंत्रित रखने में कार्य करता है पानी अधिक पीने से हृदयघात का खतरा ५४ प्रतिशत तक कम हो जाता है।
८. भोजन में तेल मसाले तथा नमक का सेवन अल्पतम करें। भोजन हल्का सादा सुपाच्य व शाकाहारी हो। मांसाहारी व मद्यपान से बचे । भोजन चबाकर खाना स्वास्थ्य के लिए सुखद होता है।
९.चिंता, तनाव, क्रोध, शोक आदि मानसिक विकारों से दूर रहें बैर भावना का त्याग करें, स्वयं अर्जित धन पर संतोष करें रोग होने पर चिकित्सक की सलाह लें। भोजन करने में हड़बड़ी न करें अपना ध्यान भोजन पर केद्रित करें भोजन के बाद वङ्काासन में बैठें इससे गैस के विकार मिटेंगे और शरीर में वायु संचय नहीं होगा वरन् पेट की संचित वायु का उत्सर्ग होगा। भोजन भूख से कम ही करें। उदर का आधा भाग प्राकृतिक भोजन आधा भाग जल से तथा शेष भाग वायु के लिए खाली रहना चाहिए अधिक भोजन करने से शरीर रोगी होता है। मल मूत्र आदि के वेग को न रोके तुरंत उसका त्याग करें तन मन को सक्रिय करें और एक जगह लगातार न बैठे मोटापे और वजन ािक नियंत्रित करें अधिक मोटापा हृदय रोग का कारण होता है।
१०.अपने बी.पी. रक्तचाप को नियंत्रित रखें रक्तचाप की जांच नियमित करें रक्तचाप का बढ़ना और घटना हृदय रोग का कारण हो सकता है।
११.शरीर में ग्लूकोज के स्तर को सामान्य बनाये रखें मधुमेह के रोगी को चिकित्सक की सलाह पर शर्करा की जांच करवाते रहना चाहिए पथ्य और अपथ्य पर विशेष ध्यान दें।
१२. लहसुन धमनियों में लचक पैदा करता है तथा कोलेस्ट्रोल दूर करता है परंतु इसका अत्यधिक सेवन नुकसान कारक होता है।
१३. लाौकी २५० ग्राम छिलके के साथ धोकर कद्दूकश कर लें फिर उसमें तुलसी के सात पत्ते व पुदीने के ६ पत्ते डालकर मिक्सी में पीसकर कपड़छन कर ताजा रस निचोड़ लें और उसी मात्रा में पानी मिला लें फिर पीसी हुई ४ दाने कालीमिर्च तथा १ ग्राम सैंधा नमक मिलाकर भोजन के आधे घंटे बाद सुबह दोपहर शाम प्रतिदिन ३ बार १ सप्ताह तक सेवन करें इसमें वसा में कमी तथा अवरूद्ध धमनियां खुल जाती है रक्त संचालन होता है बायपास सर्जरी का खतरा टाला जा सकता है।
१४. सुबह के नाश्ते में १ फल या ५० ग्राम भिगोया मुनक्का का सेवन करें। वाय कॉफी का त्याग करें मलाई रहित दूध १ गिलास लें। दोपहर के भोजन में रोटी चावल सब्जी दाल दही सलाद आदि का सेवन करें रोटी चावल की अपेक्षा हरी सब्जी ज्यादा मात्रा में खानी चाहिए।
१५. शाम के नाश्ते में १ गिलास फल का रस या १००—२०० ग्राम प्रूट सलाद या किसी १ फल का सेवन करें।शाम को मलाई रहित दूध लेना उत्तम रहेगा।
१६.शाम का भोजन दोपहर के भोजन की अपेक्षा हल्का तथा सोने से २—३ घंटा पहले करें शाम में रोटी सब्जी दलिया, खिचड़ी आदि लें सकते हैं।
१७.भोजन उतना ही करें जो पच जाए तथा इससे शरीर को आवश्यक कैलोरी प्राप्त हो।स्वाद लोलुपतावश अधिक भोजन न करें।
१८.प्राकृतिक जीवन जीयें प्रकृति के नियमों का पालन करें सदा प्रसन्न रहना उत्तम स्वास्थ्य का मूल मंत्र है। उपरोक्त नियमों का पालन करने से आप हृदय रोग चिंता का विषय है। प्रतिदिन हजारों आदमी हृदय रोग से निजात पा सकते हैं। जिसके लिये आपको लाखों रूपयें का खर्च करना पड़ेगा आजकल हृदय रोग से असमय ही मौत के मुंह से समा जाते हैं अत: जीवित रहना है तो रक्त का संचार हृदय से पूरे शरीर में नियमित होना चाहिए।