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काव्य सुमन!
June 14, 2020
भजन
jambudweep
काव्य सुमन
यूँ तो जन्म सभी लेते हैं कोई न कोई तिथि में।
मगर कई निधियाँ बन जातीं अमर अमूल्य निधी से।।
ऐसी अमर निधी हैं माँ मोहिनी देवी की मैना।
जिनने जग को सिखा दिया हरदम है आगे रहना।।
सबने समझाया दुष्कर पथ कैसे पार करोगी।
इतनी कठिन तपस्या कोमल तन से तुम कर लोगी।।
लेकिन माँ ने दिखा दिया जग को अपना वह साहस।
शरदपूर्णिमा में जन्मी हैं सारे डरें अमावस।
नहीं अंधेरों से डरतीं हैं अपनी ज्ञानमती माँ।
युग-युग तक सब याद करेंगे ऐसी शरदपूर्णिमा।।
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