(१) रुचकयोग- |
प्रसिद्ध, सम्मानित, राजशासन से निरंतर सम्मान
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(२) पुष्कलयोग- | सात्विक जीवन, लोकप्रिय |
(३) पर्वतयोग- | स्थापत्य, वास्तुविद्या, तीर्थनिर्माण आदि विधाओं में निपुण |
(४) छत्रयोग- |
तेजस्विता, राजनेताओं द्वारा सहयोग, संतुष्ट
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(५) सुपारिजात योग- | विदुषी, साहित्यसृजन, नित्यशुभकर्मरत |
(६) महादानयोग- | लोककल्याण की भावना, परोपकारिता |
७) सात्विकबुद्धियोग- | समाज में समतावाद की स्थापना |
(८) त्रिकालयोग- | सर्वज्ञ, हितोपदेशी, वीतरागता में शाश्वत श्रद्धा |
(९) स्वर्ग सोपान योग- | देवगति गमन योग |
(१०) गजकेशरीयोग- | मेधावी, गुणी, राजप्रिय |
(११) सिंहासनांश योग- | शासनाधिकारी आदि |