किचन में रोशनी का अच्छा प्रबन्ध करें ताकि कोई भी कोना अंधेरा में नहीं रहें , धुंआ निकलने के लिये चिमनी लगवाएं या अन्य कोई व्यवस्था करें ताकि धुआं किचन में नहीं रहे। वर्ष में कम से कूम एक बार किचन की दीवारों पर सपेदी करवाएं, दीवारों में दरारें आने पर उसकी मरम्मत में देर न करें। किचन को हमेशा साफ रखें, रात में सोने से पहले किचन की साफ सफाई कर लें, झूठे बर्तन वॉश बेसिन में रात को नहीं छोड़े । सुबह और शाम में भोजन बनाने से पहले किचन में धूप दीप दिखायें, विशेष ध्यान रखिये अगर किचन रसोईघर बुरी आत्माओं के प्रभाव में हो तो घर में रहने वाले लोग कभी खुश नहीं रहते। रोग उन्हें सदा घेरे रहता है तथा ऐसे घर में रहने वाले दंपत्ति के ऊपर मानसिक तनाव बना रहता है। रसोई घर में अंधेरा हो तो वह घर दूसरे कमरे में बड़ा हो तो वह बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है।
यदि रसोई की दीवार टूटी फूटी हो व्रेक हो, छत पर बहुत बड़ा छज्जा हो, रसोई घर में उचित रोशनी नहीं हो तो ऐसे स्थान पर बुरी आत्माएं अपनी जगह बना लेती है। कुछ घरों में रसोई घर बहुत बड़ा और लंबा होता है, पूरा रसोई घर धुंए से काला हो जाता है, ऐसा स्थान नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है, ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की संख्या नौ मानी है, ग्रहों का प्रभाव पृथ्वी के सभी जीवों पर पड़ता है। घर की दक्षिण दिशा का स्वामी मंगल ग्रह होता है, घर में रसोईघर, इलेक्ट्रिक बोर्ड, खंभा व अन्य और जिस स्थान से अग्नि का प्रयोग होता है, वहां मंगल का प्रभाव होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि मंंगल को रसोई का कारक माना गया है। साथ ही मंगल को उग्रता व आग का प्रतीक माना जाता है, अग्नि का लाल रंग भी मंगल का ही रंग माना जाता है। इसीलिये रसोई घर में यदि पर्याप्त प्रकाश ना हो या रात के समय अंधेरा रखा जाता है। या घर के अन्य कमरे से रसोई घर बड़ा हो तो घर के सदस्यों को आर्थिक व मानसिक दोनों ही तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसीलिये रसोई घर को हमेशा साफ सुधरा और रोशनीदार रखना चाहिये।