खर्राटे सिर्फ आपके साथ बिस्तर पर सोए लोगों की नींद ही नहीं खराब करते हैं, यह संकेत है कि आपकी सेहत का हाल भी बुरा है। आइए जानते हैं कि हम कैसे पा सकते हैं खर्राटे से मुक्ति। ‘वजन घटाएं— ज्यादा वजन बढ़ने पर गर्दन भी हो जाती है मोटी, इससे लेटते ही सांस की नली दब जाने से आते हैं खर्राटें, वजन कम कर पतली गर्दन पाकर कम किए जा सकते हैं खर्राटे। ‘करवट लेकर सोएं— सीधे या पीठ के बल सोने पर पीछे तरफमुड़ जाती है जीभ, यह तालू के पीछे जाकर चिपक जाती है और सांस में आती है रुकावट, दाएं या बाएं करवट लेकर सोने पर नहीं आती है इस तरह की दिक्कत माउथ गार्ड लगाएं— नीचे वाला जबड़ा छोटा होने पर भी जीभ चली जाती है पीछे, माउथ गार्ड लगाने से हल हो सकती है आपकी यह दिक्कत सहि तकिया लगाएं— सोते समय गर्दन की स्थिति की वजह से भी होती है यह दिक्कत, सही तकिया चुने , ध्यान रखे की यह बहुत ऊंची न हो कमरे को आद्र्र रखे— जुकाम या टॉन्सिल की वजह से भी सांस लेने में होता है अवरोध, ऐसी स्थिति में कमरे को आर्द्र रखने से मिलती है राहत खर्राटों की अन्य वजहें— गले का पिछला हिस्सा संकरा हो जाना। इसे सांस लेने पर कंपन होता है आसपास के उत्तकों में व्यक्ति की गर्दन अगर ज्यादा छोटी हो तो भी सोते समय सांस के साथ आती है आवाज नाक की हड्डी टेढी होना और उसमें मांस बढ़ा होना भी है सोते समय खर्राटें आने का एक कारण।