Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
उत्तम आर्जव धर्म भजन
June 15, 2020
भजन
jambudweep
भजन-३ उत्तम आर्जव धर्म
तर्ज—दिन रात मेरे स्वामी……
हे नाथ! आपसे मैं, वरदान एक चाहूूँ।
वरदान……
ऋजुता हृदय में लाकर, आर्जव धरम निभाऊँ। आर्जव……।। टेक.।।
ना जाने क्यों कुटिलता का भाव आ ही जाता।
हे प्रभु! उसे हटा कर समता का भाव लाऊँ।। समता का……।।१।।
माया में फसके मैंने मानव जनम गंवाया।
अनमोल इस रतन को अब ना गंवाने पाऊँ।। अब ना……।।२।।
यह भी सुना है माया से पशुगती है मिलती।
उस पशुगती में हे प्रभु! अब मैं न जाना चाहूँ।। अब मैं……।।३।।
शायद अनादिकालिक संस्कार संग लगे हैं।
मैं चाहकर भी हे प्रभु! उनसे न छूट पाऊँ।। उनसे न……।।४।।
यह पुण्यकर्म ही जो गुरु देशना मिली है।
फिर ‘चन्दनामती’ मैं, मन में उसे बिठाऊँ।। मन में……।।५।।
Tags:
Daslakshan Song
Previous post
उत्तम मार्दव धर्म भजन
Next post
उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म भजन
Related Articles
उत्तम सत्य धर्म भजन
June 15, 2020
jambudweep
उत्तम क्षमा धर्म भजन
June 15, 2020
jambudweep
उत्तम शौच धर्म भजन
June 15, 2020
jambudweep
error:
Content is protected !!