Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
उत्तम अकिंचन्य धर्म भजन
June 15, 2020
भजन
jambudweep
भजन-९ उत्तम अकिंचन्य धर्म
तर्ज—तुमसे लागी लगन……
धर अकिंचन धरम, कर ले तू शुभ करम, भव्य प्राणी, धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।। टेक.।।
ना मे किंचन अिंकचन धरम है, पर को निज मानना ही भरम है।
तज दे मिथ्या भरम, पाल ले दश धरम, भव्य प्राणी।
धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।।१।।
पांच पापों में परिग्रह भी इक है, इसको मुनिवर न धरते तनिक हैं।
उनके पद में नमन, करके पावन हो मन, भव्य प्राणी, धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।।२।।
इसका कुछ त्याग श्रावक भी करते, पांच अणुव्रत का पालन जो करते।
अणुव्रतों का कथन, जिनवरों का वचन, भव्य प्राणी, धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।।३।।
व्रत सहित श्रेष्ठ मानव जनम है, व्रत रहित मन को रखना न तुम है।
व्रत से शिक्षा लें हम, ‘चन्दनामति’ है मन, सुन ले प्राणी, धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।।४।।
Tags:
Daslakshan Song
Previous post
उत्तम शौच धर्म भजन
Next post
जन्मकल्याणक गीत
Related Articles
उत्तम संयम धर्म भजन
June 15, 2020
jambudweep
दशलक्षण समुच्चय भजन
June 15, 2020
jambudweep
उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म भजन
June 15, 2020
jambudweep
error:
Content is protected !!