Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
तत्त्वार्थसूत्र भजन-दशवीं अध्याय!
June 15, 2020
भजन
jambudweep
भजन-१० दशवीं अध्याय
हे वीतराग सर्वज्ञ देव! तुम हित उपदेशी कहलाते।
तव गुणमणि की उपलब्धि हेतु, श्री उमास्वामि तव गुण गाते।।टेक.।।
तत्त्वार्थसूत्र का अपरनाम है, मोक्षशास्त्र माना जाता।
इसकी दशवीं अध्याय के द्वारा, मोक्षतत्व जाना जाता।।
सब कर्म नष्ट करके जिनवर ही, मोक्षधाम को हैं पाते।
तव गुणमणि की उपलब्धि हेतु, श्री उमास्वामि तव गुण गाते।।१।।
त्रैलोक्य शिखर पर सिद्धशिला है, मुक्त जीव वहाँ रहते हैं।
संसार में वे न कभी आते, ऐसा जिन आगम कहते हैं।।
धर्मास्तिकाय के बिना सिद्ध, नहिं लोक के आगे जा पाते।।२।।
है इस अध्याय का सार यही, हम मोक्ष शास्त्र अध्ययन करें।
आचार्य उमास्वामी को हम सब, भक्तिभाव से नमन करें।।
‘‘चंदनामती’’ इस ग्रंथ की सब, टीका पढ़ ज्ञानी सुख पाते।
तव गुणमणि की उपलब्धि हेतु, श्री उमास्वामि तव गुण गाते।।३।।
अक्षर-पद-मात्रा-स्वर-व्यंजन, आदिक यदि न्यून कहीं होवें।
साधूजन क्षमा करें उसको, श्री उमास्वामि के शब्दों में।।
यह लघुता ज्ञान की गरिमा है, विनयी जन इसको अपनाते।
तव गुणमणि की उपलब्धि हेतु, श्री उमास्वामि तव गुण गाते।।४।।
Tags:
Tatvaarth Sutra bhajan
Previous post
यह शान्त छवी तेरी बड़ी सुन्दर लगती है!
Next post
उत्तम संयम धर्म भजन
Related Articles
तत्त्वार्थसूत्र भजन- छठी अध्याय!
June 14, 2020
jambudweep
तत्त्वार्थसूत्र भजन- नवमीं अध्याय!
June 14, 2020
jambudweep
तत्त्वार्थसूत्र समुच्चय भजन!
June 15, 2020
jambudweep
error:
Content is protected !!