(ज्ञानमती_माताजी_की_आत्मकथा)
इन्द्रध्वज विधान-ग्रीनपार्कसे विहार कर श्री साहू अशोक कुमार जी के विशेष निवेदन पर उनकी कोठी पर ठहरकर मैं ६ फरवरी १९८० को दिगम्बर जैन मंदिर राजा-बाजार (कनाट प्लेस) आ गई। लाला श्यामलाल जी ठेकेदार आदि के विशेष आग्रह से मैं यहाँ लगभग एक माह तक रही। फाल्गुन की आष्टान्हिका में २३ फरवरी से २ मार्च तक यहाँ ठेकेदार परिवार ने इन्द्रध्वज विधान का आयोजन किया। इसमें भीकूराम जैन संसद सदस्य की धर्मपत्नी आदि महिलाओं ने भी बहुत रुचि से विधान-पूजन को सुनकर प्रसन्नता व्यक्त की। यहाँ पर भी खूब धर्म प्रभावना हुई। इसी मध्य टिकैतनगर (लखनऊ) में १० फरवरी से १९ फरवरी तक इन्द्रध्वज विधान का आयोजन हुआ। इसमें भी प्रद्युम्नकुमार शाह के आग्रह से कु. माधुरी ने जाकर विधान कराया और मोतीचन्द ने भी जाकर विधान का महत्व बतलाया। यह विधान भी इस अवध प्रांत में पहली बार था अतः बहुत ही धर्मप्रभावना हुई। यहाँ राजाबाजार (दिल्ली) में जैन हेप्पी स्कूल में मेरा प्रवचन हुआ। स्कूल के अध्यापक वर्ग और बालकों ने लाभ लिया।