जब खोपड़ी की त्वचा के कोष अधिक झड़ने लगे तो समझिये कि आपको डेन्ड्रफ की शिकायत है। आपके सिर और कंधों पर यह सफेद पपड़ी के रूप में दिखलायी देगी। कभी—कभी इसमें सिर में बेहद खुजली होने लगती है। यदि आपके सिर की त्वचा सूखी है तो शायद सूखे मौसम की वजह से या प्राकृतिक तेल की कमी से ऐसा होगा, लेकिन यह एक अस्थायी शिकायत है, दूर भी हो सकती है। और इसका उचित इलाज होना ही चाहिये। हार्मोन — असंतुलन, अपौष्टिक चिंता के कारण भी सिर की त्वचा के कोष बहुत अधिक झड़ने लगते है। अक्सर गंदे कंघे के इस्तेमाल या गंदे बालों के कारण या फिर खोपड़ी खुजाने से भी यह शिकायत हो जाती है। खुजाने से खोपड़ी की त्वचा पर घाव हो जाते हैं। बहुत अधिक डेन्ड्रफ होने से बाल झड़ने भी लगते हैं। इसका कारण यही है कि जब एक बार खोपड़ी में संक्रमण हो जाता है तो बालों की जड़े कमजोर हो जाती है। और बाल गिरने लगते है। सिर में बहुत अधिक डैन्ड्रफ होने और तेलीय त्वचा होने से आपके माथे, गर्दन और पीठ पर मुहांसे या फुसिया भी हो सकती है। पपड़ी द्वारा रोम छिद्र बंद होने के कारण ही ऐसा होता है। डेन्ड्रफ की शिकायत होने पर उसका इलाज फोरन होना चाहिये जिससे वह बढ़े नहीं। डैन्ड्रफ का इलाज आसान है बशर्ते आप उसे नियमित करें—
१.सबसे पहले अपने बालों को एकदम साफ रखिये। हफ्ते में एक या दो बार बालों को धोइये और धोने से पहले ब्रश करके पपडी निकाल दीजिये। यदि आपके बाल सूखे हो, तो किसी मृदु शैम्पु से हफ्ते में एक बार धोइये। सूखे बालों के लिए रीठा और शिकाकाई का मिश्रण भी अच्छा रहता है। प्रतिदिन सोने से पहले बालों को ब्रश करना न भूलिये। इससे त्वचा पर जमी पपड़ी ढीली होकर निकल जायेगी। यदि बाल तैलीय हो, तो हफ्ते में दो बार धोइये। इससे बालों में चिपकी रूसी निकल जायेगी।
२.यदि कोई घरेलू नुस्खा अपनाना चाहें तो नीचे कुछ ऐसे ही नुस्खे दिये जा रहे हैं—
(अ) बाल धोने से आधा घंटा पहले आधा नींबू काटकर खोपड़ी पर रगड़िये और उसे सूखने दीजिए। अब बाल धो डालिये और फिर किसी मृदु शैम्पु का इस्तेमाल कीजिये। यदि आपकी त्वचा बहुत सूखी है तो एक बड़े चम्मच तेल में एक बड़ा चम्मच नींबू का रस मिलाइये और खोपड़ी में मालिश कीजिये, रात भर लगा रहने दीजिये और सुबह धो डालिये।
(ब)शैम्पू करने से आधा घंटा पहले सिर में खट्टा दही अच्छी तरह लगाइये, इससे खोपड़ी की मालिश करें और फिर सिर धो डालिये।
(स) कभी—कभी खट्टे दही के स्थान पर गुनगुने गर्म नारियल के दूध में चार—पांच काली मिर्च पीसकर डालिये और सिर की मालिश कीजिये। आधुनिक औषधियों की अपेक्षा, घरेलू नुस्खे जरा देर से असर करते हैं इस बात का भी ध्यान रखियेगा।
३.यदि आधुनिक उपचार करना चाहें तो यह करें—
(अ)हल्के गुनगुने पानी में ‘लिस्टरीन या सैवलान’ की पानी के बराबर मात्रा मिलायें और किसी फाहे से खोपड़ी की त्वचा पर लगायें । आधे घंटे के बाद धो डालें। यदि खोपड़ी तैलीय हो तो सिर भी गुनगुने गर्म पानी से ही धोयें। इस उपचार को हफ्ते में दो दिन अजमाइये। ‘सेट्रिमाइड सोल्युशन’ (केमिस्ट के यहां उपलब्ध) को भी इसी तरह इस्तेमाल करें ८/१० भाग पानी में एक भाग सेट्रिमाइड पाउडर मिलाकर इस्तेमाल कीजिये।
(ब) सामान्य शैम्पू की जगह ‘एन्टीडैन्ड्रफ शैम्पू इस्तेमाल कीजिये। इस शैम्पू में कीटाणुनाशक तत्व होते है जो त्वचा कोषों के झड़ने पर रोकथाम लगाते हैं। बहुत अधिक डैन्ड्रफ होने पर तेज किस्म का एण्टी डैण्ड्रफ शैम्पू इस्तेमाल करें। शुरू के चार हफ्तों में बारी—बारी से एक बार सामान्य और एक बार तेज वाला शैम्पू इस्तेमाल करें।
४.उपरोक्त उपचार के साथ ही साथ अपने भोजन में भी परिवर्तन लाये। प्रोटीन और विटामिन ए,बी और डी युक्त भोजन कीजिये। चमकदार स्वस्थ बालों के लिये ये तत्व आवश्यक है। खााने में हरी सब्जियां, गाजर, अंकुरित दालें, सोयाबीन और दूध खूब लें।
५.हर हालत में, खोपड़ी को खुजाने पर रोक लगाइये। इससे त्वचा पर घाव हो जायंगे। और ‘डैन्ड्रफ की समस्या और गम्भीर रूप धारण कर लेगी।
६. मोटे दांतो वाला कंघा या ब्रश ही इस्तेमाल कीजिये। यदि दो—तीन हफ्तें इलाज करने पर भी फायदा न हो, तो अपने डॉक्टर, से मिलिये, क्योंकि जिसे आप डैन्ड्रफ समझ रही है। वह त्वचा का सोरियोसिस या एक्जीमा भी हो सकता है और इसके लिये आपको सही दवा की आवश्यकता होगी।