मिट्टी की लघु आकृतियां बनाकर गोल्डन बुक में दर्ज कराया नाम
जीवन की भागदौड़ व पाश्चात्य संस्कृति के चलते वर्तमान में लोग अपने संस्कार व संस्कृति भुला चुके हैं । साथ ही साथ उन वस्तुओं को भी भूल चुके हैं या किनारा कर चुके हैं, जिन्हें हमारे पूर्वजों ने अपनी दिनचर्या का अहम् हिस्सा बनाया था। लोगों द्वारा भुला दी गई उस संस्कृति की विरासत को मिट्टी की लघु आकृतियां बनाकर उन्हें सुन्दर सांचे में ढाल अपना गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड संयुक्त राज्य अमेरिका में दर्ज कराकर अंता निवासी सत्यनारायण गोचर ने एक ओर विश्वकीर्तिमान बनाकर नगर का नाम रोशन किया है। अंता निवासी सत्यनारायण गोचर पुत्र फूलचंद गोचर जो कि मूलरूप से बमूलिया कला गांव के निवासी है। दृढ़ इच्छा शक्ति लगन एवं बुलंद हौंसले के सहारे लगातार विश्व कीर्तिमान बनाने में जुटे गोचर ने कोटा ब्यूरो को बताया कि प्राचीन रूप में काम में लिये जाने वाले मिट्टी के बर्तनों की ४१ लघु आकृतियां बनाई गई है। जिनका कुल वजन मात्र ३८ ग्राम है। आश्चर्य की बात यह है कि इन सभी छोटी लघु आकृतियों के बर्तनों को एक माचिस की डिबिया में रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इन आकृतियों को साधारण मिट्टी पेन, ब्लेड, सुई, खाली रिफिल की सहायता से हाथ द्वारा बनाया गया है। बाद में उनको आग में पकाने के बाद रंग – रोगन प्राचीन कलाकृतियों के अनुसार ही किया गया है। गोचर ने बताया कि जिन परम्परागत बर्तनों में दो लघु आकृतियां बनाई गई हैं। उनमें कलश, दीपक, भंडा, मथानी , राई, गाडार, मटका, लोटा आदि शामिल है ।
बनाई रिकार्ड की शृंखला
गोचर द्वारा सूक्ष्म लेखन व लघु आकृति निर्माण में एक के बाद एक विश्व कीर्तिमान बनाने का जुनू परवान चढ़ चुका है। मिट्टी की लघु आकृति निर्माण में गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड संयुक्त राज्य अमेरिका में नाम दर्ज करा विश्व कीर्तिमान बनाने वाले सत्यनारायण गोचर ने इससे पहले हस्तलिखित सबसे छोटी भागवत गीता एवं सबसे छोटे सुंदर कांड की पुस्तकें लिख कीर्तिमान बनाया गया, वहीं सूक्ष्म लेखन से चावल के दाने पर गायत्री मंत्र, राष्ट्रगान, महात्मा गांधी का चित्र एवं भारत मानचित्र बनाकर एक दुर्लभ कारनामा किया जिस पर उन्हें जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित भी किया गया ।
इन्होंने जताया हर्ष
गोचर की इस शानदार उपलब्धि पर नगर के डॉ. ओम अदलस्खा, विजया बत्रा उस्मान खान, मकसूद खान अली, धनराज चोरसिया, भरत गोचर आदि ने हर्ष व्यक्त कर बधाई दी।