नृत्यांगनाओं एवं नर्तकों की कमनीय काया के पीछे नृत्य से मिलने वाले लाभ की माया है। नृत्य से शरीर सुडौल बनता है। व्यायाम से जो लाभ मिलता है वही लाभ नृत्य से भी मिलता है। मोटापा घटाने एवं वजन कम करने में मात खा गए लोग यदि किसी भी प्रकार के धीमे या तेज नृत्य को स्वीकार लेते हैं तो धीरे—धीरे उनका वजन एवं मोटापा कम हो जाता है। उनके शरीर का बिगड़ा सुर सुधर जाता है। नृत्य को जो भी स्वीकारता है। उसका शरीर जल्द छरहरा बन जाता है, बच्चे बूढ़े स्त्री—पुरुष सभी पर इसका समान प्रभाव पड़ता है। इससे बाडी शेप में हो जाती है। नृत्य की गति एवं समय को धीरे—धीरे बढ़ाते जाना चाहिए। सदैव साफ सुथरे फर्श पर खुले पैर नृत्य करना चाहिए। नृत्य कक्ष मौसम अनुकूल एवं साफ हवादार होना चाहिए।