अमरूद को जामफल के नाम से जाना जाता है ।पोषक तत्वों में यह सेब से अधिक पौष्टिक है । इसका उपयोग कई रूपों में किया जाता है । इसमें अमरूद , जैम, जैली, मकरद आदि प्रमुख हैं। अमरूद पित्तशामक और रूचिकर होता है। यह मूच्र्छा और प्यास को दूर करता है। अमरूद में प्रोटीन १०.५ प्रतिशत, वसा ०.२ कैल्शियम १.०१ प्रतिशत ‘बी’ ०.२ प्रतिशत पाया जाता है। अमरूद का फलों में तीसरा स्थान है। पहले दो नम्बर पर आंवला और चेरी हैं। इन फलों का उपयोग ताजे खाद्य फलों की तरह नहीं किया जाता, इसलिए अमरूद विटामिन ‘सी’ पूर्ति के लिए सर्वोत्तम है। विटामिन ‘सी’ छिलके में और उसके ठीक नीचे होता है तथा भीतरी भाग में यह मात्रा घटती जाती है। फल के पकने के साथ—साथ यह मात्रा बढ़ती जाती हैं। अमरूद में प्रमुख सिट्रिक अम्ल है। छह से बारह प्रतिशत भाग में बीज होते हैं। इसमें नारंगी, पीला सुगंधित तेल प्राप्त होता है। अमरूद स्वादिष्ट फल होने के साथ—साथ अनेक गुणों से भरा होता है। इसके द्वारा कई रोगों का इलाज होता है।