दुनियाभर में नवंबर माह को फैफडों के कैंसर के प्रति अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसी मौके पर हम आपको बताते हैं कि आपके फैफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान कौन सी चीज पहुंचाती है। स्मोकिंग फैफड़ों के लिए सबसे ज्यादा घातक है। इससे खुद तो बीमार पड़ते ही हैं, साथ ही आस—पास के लोग भी सिगरेट के धुंए के दुष्प्रभाव से अछूते नहीं रह पाते। सिगरेट पीने वाला भले ही फिल्टर से छानते हुए धुआं अंदर ले रहा हो लेकिन जो लोग उसके आसपास होते हैं, वे बिना छने धुएं को फैफड़ों में खींचने के लिए मजबूर होते हैं। सिगरेट या बीड़ी पीने वाले जो धुआं उड़ाते हैं उसमें सामान्य हवा की तुलना में ३ गुना निकोटिन, ३ गुना टार और ५० गुना अमोनिया होती है जो आपको प्रभावित किए बिना नहीं रहते।
क्या है पैसिव या सैकंड हैंड स्मोकिंग
पैसिव स्मोकिंग या परोक्ष धूम्रपान को ‘सैकंड हैंड स्मोकिंग ’ भी कहते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति विशेष खुद धूम्रपान नहीं करता लेकिन दूसरे के धूम्रपान करने पर वह उसके धुएं को सांस के जरिए अंदर लेने पर मजबूर होता है। इसे ईटीएस यानी ‘एन्वॉयरमेंटल टॉबेको स्मोक भी कहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चे घरों में पैसिव स्मोकिंग के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।
बाहर पीने से फर्क नहीं
अगर आप धूम्रपान करते हैं और हर बार इसके लिए घर से बाहर यह सोचकर निकल जाते हैं कि इससे आपके बच्चे सुरक्षित रहेंगे तो यह ख्याल गलत है।आस्ट्रेलिया में हुई एक रिसर्च के मुताबिक सिगरेट पीने वाले माता—पिता की सांस में धूम्रपान करने का प्रभाव २४ घंटे बाद भी रहता है। यह प्रभाव ४—९ साल के बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। जो माता—पिता घर से बाहर जाकर धूम्रपान करते हैं, उनके घरों में भी निकोटिन के जानलेवा अंश तैरते रहते हैं। इस रिसर्च के लेखक डॉ. क्रासी रूमचेव बताते हैं कि घर के अंदर सिर्फ सांसे लेने से ही सब कुछ विषैला हो सकता है क्योंकि ये कण कपडों में भी चिपक सकते हैं।
नुकसान हैं कई
पैसिव स्मोकिंग से मुंह ,गले व फैफड़ों का कैंसर होने की आशंका रहती है। वे माता—पिता जो बच्चों की मौजूदगी में सिगरेट पीते हैं, उनके बच्चों की रक्त नलिकाओं की दीवारें मोटी होने लगती हैं और उन्हें दिल का दौरा पड़ने व स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इससे गर्भस्थ शिशु मंदबुद्धि या विकलांग पैदा हो सकता है।
बचने के उपाय
धूम्रपान की आदत को धीरे—धीरे खत्म करें। जैसे ही सिगरेट पीने की तलब हो खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त कर लें। आप सौंफ या इलायची भी चबा सकते हैंं।