योग:— योग भारतीय ऋषि मुनियों की एक अमूल्य निधि है जिसे योगियों ने अपने अभ्यास एवं मनन द्वारा क्रियात्मक रूप में विकसित किया है। इसीलिये संसार भर में भारत का योग और भारतीय योगी प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में लोग योग शब्द से जितने परिचित हैं वे उसके सच्चे अर्थ से उतने ही अपरिचित हैं । कुछ लोग कठिन से कठिन आसन लगाना ही योग समझते हैं और कुछ इसे साधु सन्यासियों के काम की वस्तु समझते हैं जबकि योग वास्तव में एक विज्ञान है, जो स्वस्थ रहने एवं आदर्श जीवन यापन करने से संबन्धित है। महर्षि पतंजलि ने योग को परिभाषित करते हुए अपने योग दर्शन शास्त्र के प्रथम पाद सूत्रा में लिखा है :—
योगश्चित्तवृत्ति निरोध
अर्थात् योग चित्त की वृत्तियों के निरोध को कहते हैं ।चित की वृत्ति को रोकने के लिये पतंजलि ने योग को आठ भागों में बांटा है जिन्हें योगाष्टांग कहते हैं । योग के आठ अंग क्रमश: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है। योग शरीर को स्वस्थ एवं बुद्धि को निर्मल करता है। योग द्वारा असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं और मस्तिष्क के वे कोष्ठक खुल जाते हैं जो अन्य किसी भी विधि से नहीं खुलते।
ध्यान योग
योग के आठ अंगों में एक अंग ध्यान भी है। ध्यान एक अत्यन्त ही दुरूह शारीरिक क्रिया है जो योगाभ्यास द्वारा वर्षों के परिश्रम द्वारा प्राप्त होती है। ध्यान का अभ्यास करने वाला व्यक्ति अपने मस्तिष्क की शक्तियों को अत्यधिक जागृत तथा शारीरिक क्रियाओं को शिथिल कर लेता है। इतना सब करने के पश्चात वह समाधि लगाने में सफलता प्राप्त कर पाता है। ध्यान लगाना वास्तव में अपने अन्तर में झांकना है। तभी तो सभी अध्यात्म गुरू अपने अंतर में झांकने को उपदेश देते हैं। मुनि शिव कुमार ने कहा है अंधविश्वास छोड़ कर , अपने भीतर का शब्द सुनो। तुम्हारा सच्चा पंथ प्रदेश के तुम्हारे ही भीतर विद्यमान है। ध्यान लगाने में आत्मशक्ति का विकास होता है। चेतन मन शक्तिशाली होता है। जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य का मन सृजनात्मक विचारों की ओर अग्रसर होता है। ध्यान योग करने वाले योगियों का दावा है कि ध्यान द्वारा अनेक असाध्य रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। परन्तु यह कोई चमत्कार, तंत्रा यंत्रा या आलोकिक शक्ति का रहस्य नहीं है। अपितु यह तो एक ऐसी शारीरिक का एवं मानसिक क्रिया है जिसे कोई भी साधारण मनुष्य एक या डेढ़ घंटे के दैनिक अभ्यास से प्राप्त कर सकता है और स्वयं को प्रसन्नचित एवं निरोग बना सकता है।