वैसे तो कब्ज एक साधारण सा रोग है । शौच का बहुत कम आना या न आना ही कब्ज है , लेकिन यह अगर लंबे समय तक बना रहे तो अनेक रोगों को जन्म दे देता है। कई बार यह इतना ढीठ हो जाता है कि जीना मुश्किल कर देता है । इस से बचाव हेतु जरूरी उपाय करें।-
* पालक का रस पीना या पालक का साग खाना भी कब्ज हटा देता है मगर जिन्हें पथरी की शिकायत रहे अथवा लौह न पचे तो वे पालक का सेवन न करें। पालक में लौह तत्व तथा रेत होती है।
* सरसों का साग, मक्खन या घी के साथ खाएं। यदि इसके साथ मक्की की रोटी खाएं तो यह मोटी होने के कारण यह आंतों से नहीं चिपकती।
* दूध में दाख या खजूर उबाल कर पीने से शौच ठीक आता है।
* अंगूर का सेवन तथा अंगूर का रस, दोनों कब्ज हटाते हैं।
* हरे पपीते की सब्जी खाएं । पका पपीता काला नमक डालकर खाएं। कब्ज हटाने का यह एक उत्तम उपाय है।
* चूंकि भिंडी में लेस रहती है इसकी सब्जी भी कब्ज हटा देती है।
* संतरे तथा मौसमी का सेवन तथा इनका रस कब्ज को हटाने का एक अच्छा उपचार है और शरीर के लिए पौष्टिक भी।
* तरबूज तथा खरबूजा भी कब्ज की तकलीफ दूर करते हैं। इन्हें खाएं।
* त्रिफला चूर्ण का एक चम्मच, रात में सोते वक्त ताजा पानी से लें , पर नियमित रूप से लें। पुराने कब्ज को भी यह दूर कर देगा।
* रात के समय दूध में ईसबगोल की भूसी डाल लें। वह आंतड़ियों में रूका मल हटा देगा। यह आंतों की शुष्कता भी हटाता है।
* प्रात: उठते ही दो गिलास पानी पीने की आदत बनाएं।
* खाली पेट सीधा पानी न पी सके तो नींबू या नमक या दोनों डालकर भी पी सकते हैं।
* दिन में १० से १२ गिलास पानी हर रोज पिएं। कब्ज न हो तो भी पिएं।
* चोकरयुक्त आटे की रोटी खाएं। कभी—कभी अकेला चोकर भी गर्म पानी में डालकर, चीनी आदि मिलाकर, आधी कटोरी खा लें।
* मैदा से बने व्यंजन, डबलरोटी, पूरी मत खाया करें। रेशे वाली सब्जियों तथा फलों का अधिक से अधिक सेवन करें। कब्ज रहने से पेट में अनाज आदि सड़ता रहता है। दुर्गन्ध आती है। विषाक्त पदार्थ जमा होते जाते हैं अनेक रोग सिर उठाने लगते हैं। शरीर को न तो खुराक मिल पाती है। न पौष्टिकता, अत: हर संभव कोशिश कर कब्ज को अपने जीवन में स्थान न जमाने दें।