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सुबह जल्दी उठकर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए। इसके लिए रात को सोते समय तांबे के लोटे में पानी भरकर रखें और सुबह उठकर इस पानी को पी लेना चाहिए। इस उपाय से पेट से संबंधित कई छोटी—छोटी बीमारियां स्वत: ही नष्ट हो सकती है। पेट साफ रहता है और त्वचा संबंधी रोगों में भी लाभ मिल सकता है। यह उपाय करने से पहले किसी चिकित्सक से परामर्श कर लेना चाहिए।
ऐसा कहते हैं कि यदि किसी काम की शुरूआत अच्छी हो तो सब अच्छा ही अच्छा होता है। यह बात सुबह उठने की परंपरा पर भी लागू होती है । सुबह—सुबह जल्दी उठकर अपनी हथेलियों का दर्शन करेंगे तो आपका पूरा दिन शुभ हो सकता है। हथेली यानी कर दर्शन का महत्व सभी भलीभांति जानते हैं। ऐसा करने पर ईश्वर के दर्शन होकर उनकी कृपा प्राप्त होती है। बिस्तर से पैर नीचे रखते समय भूमि को भी प्रणाम करना चाहिए और पैर रखने के लिए क्षमा याचना करना चाहिए। ऐसा करने पर भूमि को पैर लगाने का दोष नहीं लगता है।
जो लोग नियमित रूप से सूर्योदय के बाद ही उठते हैं, उनके चेहरे का तेज खत्म हो जाता है। बुढ़ापे से पहले त्वचा बेजान नजर आने लगती है। दिनभर आलस्य बना रहता है। कार्य के लिए ऊर्जा नहीं रहती है। शरीर बेडोल हो सकता है। पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। यदि लंबे समय तक इसी आदत का शिकार रहते हैंं तो शरीर कमजोर हो सकता है। हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता कम हो सकती है। विज्ञान भी मानता है कि सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
शास्त्रों के अनुसार इन अशुभ प्रभावों के साथ ही व्यक्ति को धर्म लाभ भी प्राप्त नहीं हो पाता है। देर तक सोने वाले व्यक्ति को देवी—देवताओं की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है। कार्यों में कड़ी मेहनत के बाद भी आशा के अनुरूप फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं। व्यक्तिव का आकर्षण कम हो सकता है, इस कारण समाज में उचित मान—सम्मान प्राप्त नहीं हो पाता है।
सुबह—सुबह जल्दी उठने के बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर योग और ध्यान करना शरीर को ऊर्जावान बनाता है। जो लोग नियमित रूप से सुबह योग और ध्यान करते हैं, उनका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक होता है। ऐसे लोगों से जो भी मिलता है, वह इनसे आकर्षित हो जाता है। चेहरे का तेज बढ़ता है। लंबे समय तक बुढ़ापे के रोगों से बचाव होता है।शरीर का अंग—अंग स्वस्थ रहता है।
सुबह की वायु बहुत ही फायदेमंद होती है। इस वजह से लोग टहलने जाते हैं। सुबह—सुबह वातावरण शुद्ध रहता है। वाहनों का शोर नहीं होता है और ना ही वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुंआ होता है। एकदम शुद्ध वायु शरीर को ऊर्जा देती है और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है यह हवा फैफड़ों की शुद्धि भी करती है। इस कारण सुबह जल्दी उठकर किसी हरियाली वाले क्षेत्र में टहलना चाहिए।