प्रश्न १ :-सर्वावधि ज्ञान किनको होता है ? (१) निश्चल ध्यान में स्थित मुनि के (२) भावलिंगी व वृद्धिंगत चारित्र वाले मुनि के (३) ऋद्धिधारी मुनियों के (४) इनमें से किसी के नहीं होता है उत्तर:-भावलिंगी व वृद्धिंगत चारित्र वाले मुनि के
प्रश्न २ :-जम्बूद्वीप में वृषभाचल पर्वत कितने हैं ? (१) ३२ (२) ३६ (३) ३४ (४) १०८ उत्तर:-३४
प्रश्न ३:- सामायिक स्तवपूर्वक कायोत्सर्ग करके चतुर्विंशति स्तव पर्यन्त जो विधि है, उसे………कहते हैं। (१) पंचांग नमस्कार (२) देववन्दना (३) प्रतिक्रमण (४) कृतिकर्म उत्तर:-कृतिकर्म
प्रश्न ४:- सम्यग्दर्शन के होने पर कितने गुण उत्पन्न हो जाते हैं ? (१) सात गुण (२) ग्यारह गुण (३) आठ गुण (४) अट्ठाईस गुण उत्तर:-आठ गुण
प्रश्न ५:- यदि विद्वान् श्रावक शुद्ध स्थान का आश्रय लेकर मंत्र वाले शुद्ध जल से पौर्वाण्हिक संध्या क्रिया को करे, तो इसे………….कहते हैं। (१) व्रतस्नान (२) मंत्रस्नान (३) जलस्नान (४) शरीर शुद्धि उत्तर:-मंत्रस्नान
प्रश्न ६:- आराधना का क्या फल हैै ? (१) दो भव में मुक्ति हो जाती है (२) अनेक ऋद्धियाँ प्रगट हो जाती हैं (३) तीन भव में निर्वाण की प्राप्ति हो जाती है (४) चक्रवर्ती का वैभव प्राप्त होता है उत्तर:-तीन भव में निर्वाण की प्राप्ति हो जाती है
प्रश्न ७:- भावास्रव और द्रव्यास्रव में क्या भेद है ? (१) कर्मों का आना भावास्रव और आत्मा में कर्मों का एकमेक हो जाना द्रव्यास्रव है। (२) आत्मा के जिन परिणामों से कर्म आते हैं, वे भावास्रव तथा आत्मा में कर्मों का आना द्रव्यास्रव है। (३) आत्मा में कर्मों का आना भावास्रव है और आत्मा के जिन परिणामों से कर्म आते हैं, वह भावास्रव है। (४) आत्मा के जिन भावों से कर्म बंधता है वह भावास्रव और कर्म व आत्मा के प्रदेशों का एकमेक हो जाना द्रव्यास्रव है। उत्तर:-आत्मा के जिन परिणामों से कर्म आते हैं, वे भावास्रव तथा आत्मा में कर्मों का आना द्रव्यास्रव है।
प्रश्न ८:- अपरिहाणि भावना का लक्षण क्या है ? (१) ज्ञान भावना में नित्य ही उपयोग लगाना (२) भाण्डागार की अग्नि प्रशमन के समान मुनिगणों के तप का संधारण करना (३) छहों आवश्यक क्रियाओं को यथासमय करना (४) द्वादशांग के ज्ञानी गुरुओं की भक्ति करना उत्तर:-छहों आवश्यक क्रियाओं को यथासमय करना
प्रश्न ९ :-अतिव्याप्त किसे कहते हैं ? (१) जो लक्षण के एकदेश में रहे (२) जो लक्ष्य और अलक्ष्य दोनों में रहे (३) जो वस्तु के स्वरूप से भिन्न हो (४) जिसके लक्ष्य में रहने में बाधा आवे उत्तर:-जो लक्ष्य और अलक्ष्य दोनों में रहे
प्रश्न १० :-‘‘गृहस्थों’’ के धर्म को जिनेन्द्रदेव ने मुनिधर्म का छोटा भाई कहा है’’, यह वाक्य भरत से किसने कहा? (१) सोमदेव सूरि ने (२) जिनसेन भट्टारक ने (३) सिद्धार्थ क्षुल्लक ने (४) द्युति भट्टारक ने उत्तर:-द्युति भट्टारक ने
प्रश्न ११:- जो सर्व मनोरथों से और केवलज्ञान से पूर्ण हैं, ऐसे अरहंत इक लोक में………हैं। (१) गौण मंगल (२) सिद्धार्थ मंगल (३) पूर्ण कुम्भ मंगल (४) आदर्श मंगल उत्तर:-पूर्ण कुम्भ मंगल
प्रश्न १२ :-शुद्धोपयोग किस गुणस्थान से प्रारंभ होता है ? (१) पाँचवें गुणस्थान से (२) छठे-सातवें गुणस्थान से (३) छठे गुणस्थान से (४) सातवें गुणस्थान से उत्तर:-सातवें गुणस्थान से
प्रश्न १३ :-अविरति किसे कहते हैं ? (१) कुशलानुष्ठान में अनादर भाव करना (२) मन-वचन-काय के निमित्त से आत्मा के प्रदेशों में परिस्पंदन होना (३) व्रत रूप परिणामों का न होना (४) मनमाना श्रद्धान करना उत्तर:-व्रत रूप परिणामों का न होना
प्रश्न १४:- भावसंग्रह ग्रंथ में सामायिक व्रत में जिनपूजा का वर्णन करते हुए क्या उक्ति कही है ? (१) वाणी खवेइ कम्मं णाणबलेणेदि सुबोलए अण्णाणी। (२) कष्टं सर्वेऽपि सीदंति परमेको मुनि: सुखी। (३) जिनपूजां बिना दूरा, सर्वा सामायिकी क्रिया। (४) जिनपूजां बिना सर्वा, दूरा सामायिकी क्रिया। उत्तर:-जिनपूजां बिना सर्वा, दूरा सामायिकी क्रिया।
प्रश्न १५:- सल्लेखना किसे कहते हैं ? (१) काय और कषायों को कृश करना सल्लेखना है (२) जीने की इच्छा खत्म हो जाने पर प्राणों का त्याग करना सल्लेखना है। (३) प्रमाद के योग से प्राणों का घात करना सल्लेखना है (४) इनमें से कोई नहीं है उत्तर:-काय और कषायों को कृश करना सल्लेखना है
प्रश्न १६:- ब्राह्मी-सुन्दरी ने दीक्षा क्यों ग्रहण की थी ? (१) क्योंकि भगवान ऋषभदेव को उनके पति को नमस्कार करना पड़ता। (२) क्योंकि उन्हें विवाह के पश्चात् पति की सेवा करनी पड़ती। (३) क्योंकि लोग कन्याओं के जन्म को अभिशाप समझते थे। (४) क्योंकि उन्हें संसार, शरीर और भोगादि से वैराग्य उत्पन्न हो गया था। उत्तर:- क्योंकि उन्हें संसार, शरीर और भोगादि से वैराग्य उत्पन्न हो गया था।
प्रश्न १७:- शाश्वत सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर में पर्वतराज पर स्थित भगवान आदिनाथ की टोंक का क्या नाम प्रसिद्ध है ? (१) अविचल कूट (२) सिद्धवर कूट (३) आनन्द कूट (४) स्वयंभू कूट उत्तर:-सिद्धवर कूट
प्रश्न १८:- जैन धर्मानुसार युग का आदि दिवस कौन सा है ? (१) कार्तिक शुक्ला एकम (२) कार्तिक कृष्णा अमावस्या (३) आषाढ़ शुक्ला पूर्णिमा (४) श्रावण कृष्णा प्रतिपदा उत्तर:-श्रावण कृष्णा प्रतिपदा
प्रश्न १९ :-‘द्रोणामुख’ किसे कहते हैं ? (१) जो केवल पर्वतों से घिरा हुआ हो (२) जहाँ सोना, चांदी आदि निकलते हों (३) जो नदी के किनारे बसा हुआ हो (४) जो पाँच सौ गाँवों से घिरा हुआ हो उत्तर:-जो नदी के किनारे बसा हुआ हो
प्रश्न २० :-स्वसमय और परसमय में क्या अन्तर है ? (१) जीव के दर्शन, ज्ञान और चारित्र में स्थित रहने को स्वसमय और पुद्गल कर्म के प्रदेशों में स्थित रहने को परसमय कहते हैं। (२) जीव के मुनि अवस्था में पहुँचकर ध्यान में स्थित होने को स्वसमय और निज परमात्मा में रागादि स्वसंवेदन ज्ञान परसमय है। (३) जीव के पुद्गल कर्म के प्रदेशों में स्थित रहने को स्वसमय और दर्शन, ज्ञान, चारित्र में स्थित रहने को परसमय कहते हैं। (४) दोनों में कोई भेद नहीं है। उत्तर:-जीव के दर्शन, ज्ञान और चारित्र में स्थित रहने को स्वसमय और पुद्गल कर्म के प्रदेशों में स्थित रहने को परसमय कहते हैं।
प्रश्न २१ :-चूलिका के नाम और भेदों में से एक- (१) प्रथममहादण्डक (२) द्रव्यप्रमाणानुगम (३) चयनलब्धि (४) वेदनास्वामित्व उत्तर:-प्रथममहादण्डक
प्रश्न २२ :-गुणरूपी आभूषण को धारण करने वाली कुन्ती, सुभद्रा तथा द्रौपदी ने……………के पास उत्कृष्ट दीक्षा ली ? (१) आर्यिका सुलोचना (२) गणिनी आर्यिका चन्दना (३) गणिनी आर्यिका राजीमती (४) आर्यिका बंधुमती उत्तर:-गणिनी आर्यिका राजीमती
प्रश्न २३ :-मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र ने किस पर्वत पर जिनेन्द्र भगवान की हजारों प्रतिमाएँ बनवाई थीं ? (१) कुंथलगिरि पर्वत पर (२) वंशगिरि पर्वत पर (३) यमकगिरि पर्वत पर (४) चंद्रगिरि पर्वत पर उत्तर:-वंशगिरि पर्वत पर
प्रश्न २४:- भगवान शांतिनाथ का समवसरण कितने योजन का गोल है ? (१) बारह योजन (२) बीस योजन (३) पाँच योजन (४) चार योजन उत्तर:-चार योजन
प्रश्न २५ :-भावश्रुत और अर्थ पदों के कर्ता कौन हैं ? (१) तीर्थंकर (२) जम्बूस्वामी (३) गौतम गणधर (४) लोहार्य उत्तर:-तीर्थंकर
प्रश्न २६:- आदिपुराण में भगवान ऋषभदेव के समवसरण में द्वितीय कटनी पर आठ दिशाओं में……..युक्त महाध्वजाओं का सुन्दर वर्णन है। (१) दस चिन्हों से (२) आठ चिन्हों से (३) पाँच चिन्हों से (४) इनमें से एक भी नहीं उत्तर:-आठ चिन्हों से
प्रश्न २७:- क्षुद्रभव कितने होते हैं ? (१) छत्तीस हजार चार सौ पचास (२) छ्यासठ हजार तीन सौ छत्तीस (३) तीन सौ त्रेसठ (४) तीन लाख त्रेसठ हजार चालीस उत्तर:-छ्यासठ हजार तीन सौ छत्तीस