बैंकॉक। थाईलैंड में पर्यटन करने के लिए हर साल एक अनोखा भोज आयोजित किया जाता है। इसमें मेहमान होते हैं क्षेत्र के बंदर, मगर, इनके भोज का मतलब यह नहीं सिर्फ फल और सब्जियां मेन्यू में होगी। इस भोज में विविधता का पूरा ध्यान रखा जाता है। यह आयोजन उत्तरी बैंकॉक के लोबपुरी प्रांत के प्रा प्रांग सम योत मंदिर में नवंबर के अंतिम हफ्ते में किया जाता है। इस साल यह आयोजित किया गया। इसे लंदन के दगार्जियन अखबार में स्पेन के बेबी जंपिग फैस्टिवल के साथ दुनिया के विचित्र उत्सवों में शुमार किया है। बैंकाक के लोपबुरी स्थित प्रा प्रांग सेम योट मंदिर में बंदरों के लिए वार्षिक भोज आयोजित किया गया। स्थानीय लोगों द्वारा पर्यटकों को आकृर्षित करने के लिए धन्यवाद स्वरूप करीब २००० बंदरों के लिए यह भोज दिया जाता है।
भोज में विविधता मिठाई , फल, सब्जिया, जूस, कैडी, केक, सोडा, कोक, बिस्किट आदि १० वीं सदी का मंदिर प्रा प्रांग सम योत मंदिर का निर्माण १० वीं सदी में खमेर वंश के काल में किया गया था इसकी वास्तुकला कंबोडिया के अंकोर वाट मंदिर से मेल खाती है। वानर भोज २००० हजार बहंद तकरीबन शामिल होते हैं इस विचित्र आयोजन में ४००० किलोग्राम के खाद्य पदार्थ किए जाते हैं बंदरों को पेश २५—३० नवंबर के बीच किया जाता है आयोजित होटल ने की शुरुआत यह आयोजन पहली बार एक होटल व्यवसायी ने १९८९ में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया था। इसे मिली प्रतिक्रिया को देखते हुए अब थाइलैंड का पर्यटन विभाग हर साल यह समारोह आयोजित करता है। मान्यता। थाईलैंड में मान्यता है कि भागवान राम ने हनुमान को लोबपुरी प्रांत उपहार स्वरूप दिया था। इसलिए यहां बंदरों को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए यह आयोजन किया जाता है।