इसकी फलियों में एक विशेष गुण यह भी पाया गया कि शरीर से विभिन्न विषाक्त पदार्थों और हानिकारक आक्सीजन रहित तत्वों को बाहर करने में मदद करती है। इसीलिए तो भावप्रकाश कार ने इसे ‘बलप्रद’ कहा है। आयुर्वेद के अनुसार बल तीन प्रकार का होता है १- सहज बल, २- कालज बल , ३- युक्तिकृत बल। आचार्य चक्रपाणि ने ‘बल’ की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘व्याधिक्षमत्वं’ व्याधिवल विरोधिकं व्याध्युत्पाद प्रतिबन्धक त्वमिति यावद् ’ अर्थात् बल वह है जो व्याधि के बल का विरोध करे और व्याधि के उत्पन्न होने पर उसका प्रतिबंध न करें। इस प्रकार राजमा की फलियां संक्रमण से बचाव करती हैं।
मधुमेह रोगियों में लाभप्रद
राजमा का ग्लायसेमिक इंडेक्स अन्य सामान्य इस्तेमाल की जानेवाली फलियों और दालों के मुकाबले कम होता है। ऐसे खाद्य जिनका ग्लायसेमिक इण्डेक्स कम होता है, वे ब्लड शुगर को सामान्य रखते हैं, अत: राजमा की फलियाँ मधुमेह रोगियों के लिए लाभप्रद हैं। कोलेस्ट्राल कम करें— राजमा के फलियों की सब्जी कोलेस्ट्राल लेबल को भी कम करती है। यह कोई प्रकार की दिल की बीमारी को दूर करती है। पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे फ्लेबोनॉयड्स और लिग्निन (एक साइटोस्ट्रोजिन) की उपस्थिति राजमा को हृदय संबंधित बीमारियों को दूर करने में उपयोगी बनाती है। राजमा की फलियों में फाइबर और प्रोटीन की अधिकता होती है जो कि पेट पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और पाचन क्रिया में मदद करती है। फाइबर की उपस्थिति पेट को आराम देती है और भोजन को बेहतर तरीके से पचाती हैं। वजन कम करने में मददगार— राजमा की फलियों में कैलोरी कम होती है। इसलिए यह वजन कम करने की दृष्टि से अच्छा आहार है। यह फाइवर का अच्छा स्रोत है जिससे आपका पेट अधिक समय तक भरा रहता है। यह खोज कोई नई नहीं है, इसीलिए भाव प्रकाशकार ने राजमा’ को ‘कफकरो’ न कहकर ‘रूक्षो वातकरो’ कहा है। रूक्ष होने से यह चर्बी को नहीं बढ़ने देता। त्वचा के लिए उपयोगी—राजमा की फलियां त्वचा को स्वस्थ रखती हैं इनमें मौजूद एण्टीऑक्सीडेण्ट में विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ दोनों होते हैं जो कि रेडिकल्स से स्किन को हुए नुकसान को दूर करती है।
स्वाद नहीं सेहत के लिए खाएं
राजमा सेहत के लिए लाभदायक है, परन्तु इसे पकाते समय कुछ बातों पर ध्यान न देने से यह उतना गुणकारी नहीं रह जाता जितना वास्तव में यह है। पाठकगण इस पर ध्यान देकर इसके पूरे गुणों का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अक्सर लोग इसे बनाते समय इसमें अधिक मात्रा में गरम मसाला और प्याज डालते हैं। ऐसा वह केवल उसे स्वादिष्ट बनाने के लिए करते हैं। पर वे नहीं जानते कि ऐसा करने से स्वाद के चक्कर में उसके गुणों में कमी आ जाती है। सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि जो भी आहार हम लेते हैं वह स्वास्थ्य के लिए लें न कि वह केवल स्वादिष्ट हो। इसलिए राजमा में बहुत अधिक मात्रा में प्याज एवं गरम मसाला डाले बिना दालचीनी अदरक और कालीमिर्च डालकर पकाकर प्रयोग करें जिससे इसके पूरे गुण शरीर को प्राप्त हों। (समाप्य)