मुंबई । दुनिया भर में ऐंटिबायॉटिक का इस्तेमाल पिछले कुछ दशकों में लगातार चढ़ा है। बेहद आम बीमारियों के इलाज के लिए भी ऐंटिबायॉटिक्स के बढ़ते उपयोग से चिंतित नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. जॉन रोबिन वारेन ने चेताया है कि यदि ऐटिबायॉटिक का यह अंधाधुंध इस्तेमाल परेशानी का कारण बन सकता है। इंडियन साइंस कांग्रेस में हिस्सा लेने मुंबई आए डॉ. वारेन ने कहा कि मैं समझता हूँ कि वैश्विक रूप से अभी के मौजूदा विषयों में से एक ऐटिबायॉटिक्स का बढ़ता उपयोग और एंटिबायॉटिक्स के प्रति बढ़ते प्रतिरोध है। यदि इसका बढ़ना जारी रहा तो दुनिया भर को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि जरूरी है कि जब जरूरत ना हों तो डाक्टर मरीजों को ऐंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दें। डॉ. वारेन ने कहा कि मरीज सर्दी—जुकाम जैसी चीजों में डाक्टरों से ऐंटीबायॉटिक्स लेने का परामर्श देने को कहते हैं जबकि डॉक्टरों से ऐंटीबायॉटिक्स लेने का परामर्श देने को कहते हैं जबकि डॉक्टर भी यह जानते हैं कि इससे कोई फायदा नहीं होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐटिबायॉटिक्स के प्रति प्रतिरोध जन—स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा वैश्विक खतरा है।