/> left”40px”]] /> right “40px”]]
यूं तो तनाव हमारे जीवन का हिस्सा नहीं है, फिर भी यह हमारे अपने शरीर, दिमाग, संवेदनाओं और ऊर्जा को व्यवस्थित न कर पाने की अयोग्यता को भली भांति दिखलाता है। मनोवैज्ञानिकों की मानें तो यह प्रकृति, तंत्र और आसपास के परिवेश की कार्यप्रणाली की समझ की कमी और तरीके का उपयोग सही तरीके से नहीं कर पाने की विवश्ता है। दरअसल तनाव कोई रोग नहीं होता है। यह हमारे मन का एक ही प्रकार की गांठ बना लेती हैं, उसके विचार इस स्तर तक आ जाते हैं कि व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक अनेक तकलीफे होने लगती है। यही नहीं, अनिश्चितता के बारे में लगातार सोचते रहना भी तनाव का सबसे अहम कारण होते हैं। इसीलिए व्यक्ति को सदैव तनाव से मुक्त रहने हेतु सर्वश्रेष्ठ जीवन जीने का प्रयत्न करते रहना चाहिए, जिससे वह तनाव मुक्त होकर जीवन का खुशहालीपूर्वक निर्वाह कर सके। हकीकत में देखा या समझा जाए तो यही निष्कर्ष निकलेगा कि हममें से ज्यादातक लोग जीवन में जबर्दस्ती तनाव को पाले रखते है। वास्तव में अधिकांश लोग जिन वजहों से तनावग्रस्त होते हैं वे वजहें महत्वपूर्ण नहीं होती, लेकिन इतनी अधिक प्रभावशाली होती है कि उनका हमारे मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है। फलस्वरूप हम तनावग्रस्त हो जाते हैं। तनावग्रस्त रहने वाले व्यक्तियों को हमेशा स्मरण रखना चाहिए कि तनाव रूपी मन का यह रोग जैसे अचानक आता है ठीक वैसे ही अचानक विचार परिवर्तित होने के उपरान्त खुद ब खुद छूमंतर भी हो जाता है। इसलिए वे इन बातों में अपना समय न गंवायें, बल्कि ठंडे दिमाग से सोचते हुए आशावादी नजरिए से देखते हुए जीवन की शक्ति को क्षीण होने से बचाएं तो कहीं बेहतर साबित होगा। आइये अब जानते हैं तनाव से बचने के तमाम कारगर उपायों के बारे में जिन्हें अमल में लाकर हम जीवन को तो खुशहाल बना सकते हैं साथ ही शरीर की क्षीण हो रही शक्ति को भी विराम लगा सकते हैं।
१- आत्मविश्वास बनाएं रखें — देखा जाए तो हम सभी को अक्सर अपनी दिनचर्या में छोटे—मोटे कई तनावों से गुजरना पड़ता है। आत्म विश्वास से लबरेज रहने से जहां हमें जीवन पथ की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है, वहीं मुश्किलें तब बड़ा विकराल रूप धारण कर लेती है जब कमजोर, निराश और नकारात्मक सोच हम पर हावी होने लगती है। सो, अपने अंदर हमेशा आत्मविश्वास जगाएं रखें परेशानियां स्वत: दूर हो जाएंगी और तनाव से मुक्ति मिल जाएगी।
२- अनावश्यक बातों पर ध्यान न दें — यकीन मानिए, फिजूल की बातों पर अनावश्यक ध्यान नहीं देना चाहिए, उसी के बारे में सोचते रहना भी तनाव का एक बड़ा कारण है। जिंदगी की धुरी कोई और नहीं बल्कि खुद हम और केवल हम ही होना चाहिए, तनाव हम पर कभी भी हावी नहीं हो पाएगा।
३- संतुष्टि रखें — मन की संतुष्टि की कोई सीमा नहीं है। सब कुछ मिलने के बाद भी असीमित आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए मन सदैव ही व्यर्थ में भटकता रहता है और अंतत: हमें तनावग्रस्त कर देता है, इसलिए जीवन में जो मिले उसका तहे दिल से स्वागत करते हुए प्रेम पूर्वक स्वीकार कर संतुष्टि बनाएं रखें। यकीनन , तनाव खुद ही दूर भाग जाएगा।
४- सोच को नकारात्मक न बनाएं — जीवन में अपनी सोच को कभी भी नकारात्मक दिशा की ओर नहीं जाने दें। अपना विश्वास ऐसा बना लें कि विपरीत परिस्थितियों में भी मनका मनोबल ऊंचा ही रहें, तो काफी हद तक तनाव को मात दी जा सकती है। महात्मा गांधी के तीन बंदर बुरा न देखों, बुरा न बोलो, बुरा न सुनो के अतिरिक्त एक और बुरा न सोचें जोड़ लें। तनावमुक्ति में काफी मदद मिलेगी।
५- प्रात: काल टहलने जाएं — किसी ने ठीक ही कहा है कि सुबह—सुबह उठकर सैर करने से स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है और आप दिनभर तनावमुक्त महसूस करते हैं। अतएव मन में तनाव पालने बजाय प्रकृति की गोद में जिएं और प्रकृति में ही खो जाएं । इससे तनाव और पीड़ाएं शांत हो मुस्कुराहट ढूंड पाएंगी। साथ ही यह आपके तनाव के दौर की थकान को भी मिटा देगा।
६- कामनाएं न पालें — अगर हम दूसरों से कामना एंव तुलना करेंगे तो यकीन रखिये कभी सुखी नहीं रहेंगे। क्योंकि यदि हमारी कामनाएं १०० प्रतिशत है तो हमारी खुशियां शून्य हैं। अगर कामनाएं शून्य हैं तो खुशियां १०० प्रतिशत होने से कोई नहीं रोक सकता है। यह भी याद रखें कि यदि खुशी नष्ट तो शांति भी नष्ट किसी की जिंदगी में दखल देकर अपनी खुद की स्थिति खराब न करें। इसीलिए जीवन जीने की कला को जानकर जिंदगी को खुशहाल बनाएं और तनावमुक्त जीवन जीएं।