१- इमली के बीज १० ग्राम प्रात: पानी में भिगो दें। रात को छिलका उतारकर खारकर ऊपर से गाय का दूध पीने से लाभ मिलता है। यह मात्रा बड़ों की है। किशोरों को इसकी आधी मात्रा दें तथा बच्चों को इसकी चौथाई मात्रा ही दें।
२- १ चम्मच चिरौंजी सोते समय चबायें और पानी न पिएं। इससे शैयामूत्र में लाभ मिलता है।
३- काले तिल ४० ग्राम, अजवायन २० ग्राम दोनों को पीसकर ६० ग्राम गुड़ में मिलाकर रख लें ६-६ ग्राम प्रात:— सायं जल से सेवन कराने से बच्चों का शैया मूत्र बंद हो जाता है। कोई भी प्रयोग ४० दिन तक अवश्य करें।