संतरे में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोज, वसा, फास्फोरस, लोहा और तांबा होता है जिसका नियमित सेवन शरीर को लाभ पहुंचाता है। संतरे का रस दुर्बल व्यक्ति को भी दिया जा सकता है। संतरे के रस की विशेष विशेषता है कि इसका रस शरीर में पहुंचते ही रक्त में रोग निवारणीय कार्य प्रारंभ कर देता है। इसमें ग्लूकोज और डेक्सट्रोज की प्रचुर मात्रा होती है। उल्टी या मितली महसूस होने पर संतरे के रस में थोड़ी सी काली मिर्च और नमक मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। कब्ज होने पर संतरे का सेवन नियमित करें। इसके रेशे कब्ज दूर करने में मदद करते हैं। इसके रस का शर्बत शिकंजी में काला नमक,भुना जीरा, काली मिर्च पाउडर मिलाकर लेने से भी लाभ मिलता है। मानसिक तनाव व दिमाग की गर्मी से भी राहत दिलाता है संतरे का नियमित सेवन। पाचन विकार होने पर संतरे के रस को हल्का गर्म कर उसमें काला नमक और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। चेहरे पर मुंहासे होने पर संतरे के रस गुनगुना कर उसमें काली मिर्च और पीपली का चूर्ण मिलाकर लेप लगाने से भी लाभ मिलता है। सर्दी — जुकाम होने पर संतरे का रस गुनगुना कर उसमें काली मिर्च और पीपली का चूर्ण मिलाकर पीने से आराम मिलता है। चेहरे की सुंदरता को निखारने के लिए संतरे के छिलकों को सुखाकर, पीसकर उसमें हल्दी, चंदन, बेसन, दूध या मलाई मिलाकर लगाएं। इस पैक को १५-२० मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें फिर ताजे पानी से चेहरा धो लें । चेहरा दमक उठेगा।