सर्दियों के दिनों में पत्ते वाली हरी सब्जियाँ मैथी, पालक, सरसों, बथुआ, मूली के पत्ते, अफीम की भाजी, चने की भाजी आदि साग अधिक आते हैं। इन दिनों मोटा आनाज भी शौकिया तौर पर सभी खाना पसन्द करते हैं । मक्का, जुवार, बाजरा की रोटी के साथ दाल, कढ़ी के साथ पत्ते वाले साग में पौष्टिक तत्व, आयरन और विटामिन्स खूब होते हैं। ऐसे में अलग—अलग तरीकों से इन्हें बनाने से स्वाद दो गुना हो जाता है। तो बस याद रखें कुछ टिप्स। पत्ते वाली साग अच्छी तरह से साफ करने के बाद दो—तीन बार खुले पानी में धो लें। धोने के बाद ही इन्हें काटें। पहले काट लेने और बाद में धोने से इनके पोषक तत्व और विटामिन्स नष्ट हो जाते हैं। तेल में छौंका गया साग स्वादिष्ट नहीं बनता, इसलिए साग हमेशा देशी घी में बनाएँ। परोसते समय थोड़ा गर्म देशी घी या मक्खन डालने से साग का स्वाद दुगना हो जाता है। साग में अन्स सब्जियों की अपेक्षा कुछ अधिक अदरक, हरी मिर्च और लहसुन का पेस्ट मिलाएं। इससे जो साग खाने में कम स्वादिष्ट लगते हैं, उन्हें भी सब खाना पसंद करेंगे। पालक में पनीर और भुट्टे के दाने डालें। पालक पीसकर बना रही है तो दानों को दरदरा पीसकर मिलाएँ। सब्जी स्वादिष्ट बनेगी। कभी—कभी भाजी और साग में मोटा बेसन या मक्के का आटा डाल कर बनाएं। इनके कुरकुरेपन से भी साग का टेस्ट चेंज होगा। भाजी को लोहे की कढ़ाई में ही बनाएं। पालक के साथ टमाटर डाला जाता है पर अन्य सागों में डालने से इससे साग का स्वाद बिगड़ जाता है। मैथी की भाजी सादी बनाने की जगह उसमें बराबर मात्रा में पालक डालकर बनाएं या फिर आलू डालकर दोनों ही तरह से इसका स्वाद बढ़ाया जा सकता है । पालक और मैथी को मूँग की छिलके वाली दाल के साथ तथा मैथी को मसूर की दाल के साथ बनाएँ। इनमें एक छोटा चम्मच बेसन, दो हरी मिर्च कुकर में पकाते समय ही डाल दें।
लौंग और लाल टमाटर का छौंक लगाएं। मैथी, पालक की लिक्विड गरमागरम खुशबू उठती भाजी खाने में अलग ही मजा देगी। कच्चे सागों को सलाद के रूप में खाने से इनके पौष्टिक तत्व का पूरा फायदा मिलता है। पत्तों के साथ प्याज और टमाटर काटकर मिला देने से बच्चे भी इन्हें खाना पसंद करते हैं। साग—भाागी को ढँक कर भाप से इन्हीं के पानी में पकाने से इनके पोषक तत्व खत्म नहीं होते और कलर भी बना रहता है। देखने में भी यह अच्छी लगे इसके लिए हल्दी की मात्रा बिलकुल कम ही रखें। बने हुए साग को बारबार गरम करने से स्वाद में तो अंतर आता ही है, इनमें निहित पोषकता भी नष्ट हो जाती है। अत: इन्हें ऐसे समय ही बनाएँ जब सबके खाने का समय हो गया हो। सरसों की भाजी व अन्य भाजी के साथ अक्सर मक्का की रोटी खाना पसंद किया जाता है। यह भी हर घर में अलग—अलग तरीकों से बनती हैं। मक्के की रोटी अच्छी बनें और जल्दी पचे, इस ओर भी ध्यान दें। रोटी का आटा लगाते समय पानी को हल्का—सा गरम कर लें। आटे को जितना अधिक गूँधेंगी,रोटी उतनी ही अधिक सॉफ्ट बनेगी। मक्का की रोटी पर घी या मक्खन अच्छी तरह से लगाएँ तभी वह खाने में स्वादिष्ट लगेगी। आटे में नमक मिलाते समय थोड़ी—सी अजवाइन भी मिला दें। इससे मक्का की रोटी और भाजी गरमागरम ही सर्व करें, तभी सर्दियों में इसे खाने का पूरा—पूरा मजा आएगा।