दंत रोग : दंत रोग में जामुन काफी लाभदायक है। चाहे दांत हिले या दांत में दर्द हो या मसुड़ों से खून बहता हो, जामुन की २५-३० हरी पत्तियों को डेढ गिलास पानी में अच्छी तरह से गर्म करके रख लें, इस पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करें, राहत मिलेगी।
उल्टी :उल्टी बन्द करने के लिये आम के दो पत्ते और पोदिने की एक मुट्ठी पत्तियां मिलाकर चटनी बना कर उसका सेवन करें। चाहे तो इसे एक कप पानी में घोलकर पिला दे, उल्टी बन्द हो जायेगी।
खांसी :काली तुलसी के पत्ते छह ग्राम, काली मिर्च छह ग्राम, लौंग छह ग्राम लें, इन तीनों चीजों को मिलाकर पीस कर छोटी-छोटी गोलियां बना लेवें। इन गोलियों को मुंह में डालकर चुसने से खांसी खत्म हो जाती है।
मधुमेह : कच्चा करेला छाया में सुखाकर पीस लें, तेइस दिन दस ग्राम ताजे पानी के साथ इसकी फक्की लेनी चाहिए। चिकनी और बादी वस्तुओं का सेवन बन्द रखें। उदर रोग : हींग गरम करके पानी में घोल लें, इसे नाभी के चारों ओर लेप करें, पेट दर्द में आराम होगा।
पीलिया :बादाम की गिरी आठ, छोटी ईलायची के पांच दाने, दो सुनहरा छुहारा गुुटली निकाल कर लें, इन सभी को एक मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रख लें, अच्छी तरह से भीग जाने पर इन तीनों को निकाल कर किसी खरल में निकालकर खूब घोटे। इस मिश्रण में ५० ग्राम मिश्री, ५० ग्राम गाय का दुध का मक्खन मिलाकर पीलिये के मरीज को खिला दें। इसे लगातार दस दिनों तक खिलाने से पिलीया दूर होता है।
अंगुली कट जाने पर : चाकू आदि से अंगुली कटने पर खून बहता है, साफ कपड़े को पानी में भिगोकर उसे कटे स्थान पर गीली पट्टी को बांध दे जिसे हम ‘‘पनकपला’’ कहते है। इस पट्टी के प्रभाव से खून बहना बन्द हो जायेगा।
चेहरे पर काले दाग: एक केले को मसल कर उसमें एक बड़ा चम्मच सेलेड ऑयल मिला लें, इसे चेहरे पर बीस मिनट के लिए सप्ताह में एक बार लगाये या चेहरे को अच्छे क्लींजर से साफ कर लें, नहाने के बाद और रात को सोते समय मॉश्चराईज क्रीम लगाऐ। प्रतिदिन लगाने से काले दाग साफ हो जायेगे।