बहुत उम्र के साथ याद रखने की हमारी क्षमता भी धीरे—धीरे बुढ़ी होने लगती है। उम्रदराज लोगों में डिमेंशिया की बीमारी आम है। वल्र्ड अल्जाईमर रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष २०२० तक भारत में डिमेंशिया रोगियों की संख्या एक करोड़ को पार कर जाएगी। डिमेंशिया का ईलाज संभव नहीं है लेकिन लंबे समय तक इससे खुद को बचाया जा सकता है। यहां ऐसे ही कुछ टिप्स दिए गए हैं, जो डिमेंशिया से हमारा बचाव कर सकते हैं।
दिमाग को दुरूस्त रखने के लिए दिल को तंदुरूस्त रखना जरूरी है। व्यायाम इसमें मदद करता है। इसके लिए रोजाना जिम जाने की जरूरत नहीं है। २० मिनट का व्यायाम दिल और दिमाग को सुरक्षित रख सकता है।
डॉक्टरों के मुताबिक डिमेंशिया से बचने के लिए संतुलित आहार जरूरी है। इसलिए जंक फूड कम खाएं। मुमकीन हो तो बिल्कुल न खाएं। खाने में फल और सब्जियों को शामिल करें।
व्यायाम के साथ दिमगी कसरत भी जरूरी है। पहेलिया सुलझाने व गणित से सवाल बनाने से दिमाग की ताकत बढ़ती है। ये गतिविधियां दिमाग से जुड़ी नसों की कोशिकाओं को जोड़ती है।
स्वस्थ दिमाग के लिए सोना बेहद जरूरी है। नींद में गड़बड़ी शरीर में मौजूद प्रोटीन एमिलॉयड बीटा को असंतुलित कर देता है, जिसकी वजह से अल्जाइमर होने का खतरा बना रहता है।
ओमेगा—३ फैटी एसिड अलजाइमर और डिमेंशिया से लड़ने में मदद करता है। मछलियों में खासकर सालमन , टूना में इसकी अधिक मात्रा होती है। डिमेंशिया से बचने के लिए जरूरी है दिमाग को शांत रखना। अत्यधिक तनाव के चलते डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध के मुताबिक तनाव और डिप्रेशन डिमेंशिया को जन्म देते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक धूम्रपान और शराब की लत आपके दिमाग को सात साल पहले बुढ़ा बना सकती है। धूम्रपान और शराब दिमाग की कोशिकाओं को मार देते हैं।
सक्रिय सामाजिक जीवन दिमाग की गांठों को खोलने का काम करता है। लोगों से मिलना, उनके साथ योजनाएं बनाना आदि स्वस्थ्य जीवन व स्वस्थ दिमाग की ओर इशारा करते हैं।