क्षेत्र परिचय – यह क्षेत्र जयपुर से 65 कि0 मी0 दूर व दूर से 17 कि0 मी0 की दूरी पर स्थित है। यह कोई तीर्थ नही है किन्तु यहॉ अनेक भव्य मूर्तियॉ तालाब मे से प्राप्त होती रहती हैं। ईसी कारण इसे महातीर्थ कहॉगया है। यह फुलेरा स्टेशन से 11 कि0 मी0 नैरना स्टेशन के नाम से जाना जाता है। यह अतिशय क्षेत्र 11-12वीं ‘शताब्दी का प्रचीन है।
मन्दिर का प्रवेश द्वार=== center”800px”]] ===
पार्श्वनाथ भगवान=== center”800px”]] ===
अन्य वेदी मे विराजमान भगवान=== center”800px”]] ===
सोने के काम वाली वेदी मे विराजमान भगवान=== center”800px”]] ===
वेदी मे आदिनाथ भगवान=== center”800px”]] ===
वेदी मे नेमिनाथ भगवान=== center”800px”]] ===
मूलनायक अजितनाथ भगवान की वेदी=== center”800px”]] ===
अजितनाथ भगवान=== center”800px”]] ===
मूलनायक भगवान अजितनाथ की पूर्ण वेदी=== center”800px”]] ===
पत्थर की चैबीसी=== center”800px”]] ===
वेदी मे विराजमान खडगासन भगवान=== center”800px”]] ===
चके्रश्वरी माता=== center”800px”]] ===
पदमावती माता=== center”800px”]] ===
सहस्त्रकूट जिनालय=== center”800px”]] ===
वेदी मे विराजमान पार्श्वनाथ भगवान व अन्य भगवान=== center”800px”]] ===
मन्दिर मे अन्य वेदीया=== center”800px”]] ===
मूलनायक वेदी मे मन्दिर मे सुन्दर कांच का काम=== center”800px”]] ===
कांच के काम से सुन्दर मन्दिर का भीतरी भाग=== center”800px”]] ===
चैक मे दीवारो पर बने भाव व सामने दिखती भगवान की वेदी=== center”800px”]] ===
पत्थर से बने यंत्र जी=== center”800px”]] ===
खुदाई के दौरान निकली खण्डित प्रतिमाएं=== center”800px”]] ===
मन्दिर का पूर्ण स्वरूप=== center”800px”]]