नीच व्यक्ति भी यदि बड़ों का सहारा लेते हैं तो ऊँचे पद तक पहुँच जाते हैं। जैसे पृथ्वी के धूलि—कण हवा का आश्रय पाकर आकाश में गमन करते हैं।