सुशिष्यों को उपदेश देने पर गुरु कृतार्थ होता है, किन्तु जिस तरह उल्लू के लिए सूर्य निरर्थक होता है, उसी तरह विपरीत अर्थात् कुशिष्यों को उपदेश देने पर वह निरर्थक हो जाता है।
नहि मुसगाणं संगो, होइ सुहो सह बिडालीहिं।
—इन्द्रियपराजयशतक : ५४
चूहों का बिल्ली के साथ संगत करना मृत्यु की गोद में सोना है।