मद्यपान करने से मनुष्य का अपने पर नियंत्रण नहीं रहता। फिर वह निन्दनीय कर्म किया करता है। (परिणाम यह होा है कि) इहलोक और परलोक में उसे अनन्त दु:खों का अनुभव होता है।