मैथुन से कंपकंपी, स्वेद—पसीना, श्रम—थकावट, मूर्छा—मोह, भ्रमि—चक्कर आना, ग्लानि—अंगों का टूटना, शक्ति का विनाश, राज्यक्ष्मा—क्षय रोग तथा अन्य खांसी, श्वास आदि रोगों की उत्पत्ति होती है।